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सृजन घोटाला : बीओबी के दो पूर्व पदाधिकारी गिरफ्तार, मास्‍टर माइंड अब भी फरार

मामला 2017 में सीबीआइ द्वारा दर्ज किये गये आरसी 14 (ए) से संबंधित है, जिसमें दोनों फरार चल रहे थे. दोनों की तलाश सीबीआइ की टीम सरगर्मी से कर रही थी. तकनीकी निगरानी में दोनों का लोकेशन कोलकाता में मिल रहा था. सीबीआइ की टीम का नेतृत्व योगेंद्र शेरावत कर रहे थे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 15, 2022 8:30 AM

पटना. बिहार के बहुचर्चित सृजन घोटाला मामले में सीबीआइ ने बैंक ऑफ बड़ौदा के दो पूर्व पदाधिकारी को गिरफ्तार कर लिया. दोनों की गिरफ्तारी कोलकाता से हुई है. गिरफ्तारी के बाद दोनों अफसरों शंकर प्रसाद दास व अर्जुन दास को पटना सीबीआइ की विशेष अदालत में सोमवार को पेश किया गया, जहां से उन्हें 18 नवंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. मामला 2017 में सीबीआइ द्वारा दर्ज किये गये आरसी 14 (ए) से संबंधित है, जिसमें दोनों फरार चल रहे थे. दोनों की तलाश सीबीआइ की टीम सरगर्मी से कर रही थी. तकनीकी निगरानी में दोनों का लोकेशन कोलकाता में मिल रहा था. सीबीआइ की टीम का नेतृत्व योगेंद्र शेरावत कर रहे थे.

पूर्व डीएम केपी रमैया समेत नौ के खिलाफ जारी हुआ था वारंट

करोड़ों रुपये के गबन के उक्त मामले में सीबीआइ ने भागलपुर के तत्कालीन डीएम केपी रमैया समेत 23 के खिलाफ 18 मार्च 2020 को आरोपपत्र दाखिल किया था. इनमें रमैया समेत नौ के खिलाफ कोर्ट ने गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था. इन्हीं में से दो को सीबीआइ ने गिरफ्तार कर लिया.

2004 से 2014 तक बड़ी राशि का खातों में हुआ था स्थानांतरण

शंकर प्रसाद दास और अर्जुन दास पर आरोप है कि साल 2004 से वर्ष 2014 के बीच सृजन महिला विकास सहयोग समिति के खातों में बड़ी मात्रा में सरकारी फंड फर्जी तरीके से ट्रांसफर किये गये थे. एसएमवीएसएस ने कथित तौर पर कुछ जिला अधिकारियों, बैंकरों और उसके कर्मचारियों की मिलीभगत से भागलपुर जिला प्रशासन के खातों से विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए सरकारी धन को अपने बैंक खाते में ले लिया था.

मास्‍टर माइंड अमित व प्रिया अब भी फरार

सीबीआइ की विशेष अदालत में अरबों रुपये के सृजन घोटाला में दर्ज केस आरसी 14ए/17 में शंकर प्रसाद दास और अर्जुन दास के विरुद्ध 18 अगस्त 2020 को गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था. शंकर प्रसाद दास उस समय बैंक आफ बड़ौदा के मुख्य प्रबंधक पद पर तैनात थे. अर्जुन की भी इसी बैंक में तैनाती थी. वर्तमान में दोनों पदाधिकारी सेवानिवृत्त हैं. वैसे सृजन घोटाले का मास्‍टर माइंड अमित व प्रिया अब भी फरार है.

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