बिहार: जमुई में DM- SP के काफिले पर हमला करने वाला नक्सली धराया, इंस्पेक्टर व मुखिया की हत्या का है आरोपी

बिहार के जमुई जिले में कुख्यात नक्सली को गिरफ्तार किया गया. हरखाड़ पंचायत के मुखिया गोपाल साव व मुखिया के भाई समेत तीन लोगों को बेरहमी से मारने का आरोपित रविंद्र हंसदा पकड़ा गया. विगत 17 सालों से वह फरार चल रहा था.

By ThakurShaktilochan Sandilya | October 3, 2023 3:16 PM
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बिहार के जमुई जिले में एक और कुख्यात नक्सली की गिरफ्तारी की गयी है. करीब 17 साल से फरार चल रहे नक्सली को सशस्त्र सीमा बल के जवानों ने धर दबोचा. गिरफ्तार किए गए नक्सली की पहचान रविंद्र हंसदा उर्फ नोखा हंसदा के रूप में की गई है. जो कई गंभीर मामलों में आरोपित रहा है. हरखाड़ पंचायत के मुखिया गोपाल साव व मुखिया के भाई समेत तीन लोगों को बेरहमी से मारने का आरोपित रविंद्र हंसदा रहा है. वहीं डीएम और एसपी तक के काफिले पर उक्त नक्सली ने हमला कर दिया गया. जबकि एक इंस्पेक्टर की भी हत्या का आरोप उसके ऊपर है. लंबे अरसे से इसकी खोज की जा रही थी. अब उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. जिसे पुलिस बड़ी कामयाबी के रूप में देख रही है.


मुखिया हत्याकांड का आरोपित, डीएम-एसपी के काफिले पर किया हमला

जमुई के हरखाड़ पंचायत के मुखिया गोपाल साव की हत्या कर दी गयी थी. मुखिया के भाई शंभू साव को भी नक्सलियों ने मौत के घाट उतार दिया था और साथ में उनके एक और सहयोगी को मार डाला था. वर्ष 2003 में नक्सलियों ने इस घटना को अंजाम दिया था. नक्सली इतने बेखौफ थे कि हत्या की अगली सुबह घटनास्थल पर जा रहे डीएम गोपाल प्रसाद और एसपी बसमुद्दीन साह के काफिले पर हमला कर दिया गया था. नक्सलियों ने रोपेबल जंगल में हमला किया था. वहीं झाझा में पदस्थापित इंस्पेक्टर कपिलदेव प्रसाद की हत्या कर दी गयी थी. जानकारी के मुताबिक, 9 अगस्त 2003 की देर रात को अचानक बड़ी तादाद में नक्सलियों का दस्ता मुखिया समेत तीन लोगों को अपने कब्जे में ले लिया. तीनों के घरों को डायनामाइट से उड़ा दिया था. वहीं तीनों की हत्या गला रेतकर कर दी थी. जबकि अगले दिन जब प्रशासन का काफिला मौके पर जायजा लेने पहुंचा तो उसपर हमला बोला गया था. जैसे ही प्रशासन के लोग वाहन से उतरने लगे, उनपर गोलियां दागी जाने लगी. इसमें झाझा के इंस्पेक्टर कपिलदेव प्रसाद शहीद हो गये थे. इन सभी मामलों में इस नक्सली की संलिप्तता पाई गयी थी. बताया जा रहा है कि नक्सली प्रवेश दा, मैनेजर कोड़ा, बालेश्वर कोड़ा और चिराग दा के दस्ते का सहयोगी रहा है.

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17 साल से था फरार

हत्या, लूट, अपहरण, रंगदारी जैसे कई संगीन मामलों में वर्षों से फरार चल रहे नक्सली को 16 वी वाहिनी सशस्त्र सीमा बल ने दीपाकरहर गांव से किया किया. गिरफ्तार किए गए नक्सली रविंद्र हंसदा उर्फ नोखा हंसदा पर दर्जन भर केस दर्ज हैं. जमुई जिले के खैरा थाने में उसपर प्राथमिकी दर्ज था जिसमें वह लंबे समय लगभग 17 वर्षों से पुलिस को चकमा देकर फरार चल रहा था. नक्सली रविंद्र हंसदा उर्फ नोका हंसदा खैरा थाना नक्सली कांड संख्या 65/3, 66/3 का अभियुक्त है. सुरक्षा बलों को गुप्त सूचना मिली थी कि नक्सली रविंद्र हंसदा उर्फ नोका हंसदा दीपाकरहर गांव में छिपा हुआ है. सूचना मिलने के बाद 16 वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल की ई समवाय जन्मस्थान के कमांडर विमल भट्ट के द्वारा छापेमारी अभियान चलाया, सोमवार की देर शाम उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

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