उत्तर बिहार में नक्सलियों का कमर तोड़ने में जिला की पुलिस की मददगार एसएसबी की 32वीं वाहिन गया में शिफ्ट हो गयी. अब गया से ही नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में निगरानी और स्थानीय पुलिस को सहयोग करेगी. जनवरी के पहले सप्ताह से ही गया में 32वीं वाहिनी का कार्यालय स्थापित होकर काम में जुट गया है. बीते दो दशक से एसएसबी की एंटी नक्सल बटालियन का मुख्यालय मुजफ्फरपुर था. लेकिन, गृह मंत्रालय ने तिरहुत रेंज के मुजफ्फरपुर, वैशाली, सीतामढ़ी व शिवहर को नक्सल मुक्त घोषित कर दिया. इसके बाद एंटी नक्सल बटालियन की पांच कंपनियों को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया. वहीं मुख्यालय मुजफ्फरपुर के झपहां और फिर बाद में बेला औद्योगिक क्षेत्र से संचालित होता रहा वर्तमान में बेला स्थित एसएसबी कार्यालय परिसर को बियाडा विकसित कर रही है. बताया जाता है कि वहां कपड़ा उद्योग को स्थापित किया जा रहा है.
साहेबगंज से बाल्मीकि नगर तक चलाया ऑपरेशन
एसएसबी बिहार में दो तरीके से काम कर रही है. एक भारत-नेपाल सीमा की रखवाली कर रही है. दूसरी नक्सल प्रभावित एरिया काे नक्सल मुक्त करने की मुहिम चला रखी है. एसएसबी ने बीते दो दशक में दर्जनों मुठभेड़ और नक्सली ऑपरेशन को अंजाम तक पहुंचाया. एसएसबी की 32वीं वाहिन ने मुजफ्फरपुर के साहेबगंज, कुढ़नी, तुर्की, मोतीपुर से लेकर बगहा के बाल्मीकि नगर तक एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाया. इस दौरान कई नक्सलियों को मार भी गिराया. वर्तमान में चार दर्जन से अधिक नक्सली जेल में बंद हैं. हर गिरफ्तारी में एसएसबी का बड़ा सहयोग रहा.
डीएम ने किया था निरीक्षण
सितंबर 2022 में डीएम प्रणव कुमार के साथ बियाडा पंकज कुमार 32वीं बटालियन के कार्यालय पहुंच इसका जायजा भी लिया था. जहां मैप के माध्यम से एसएसबी को मिली जमीन के रकबा का अवलोकन किया गया था. साथ ही एसएसबी को गया जिले में शिफ्ट करने की बात भी कही भी गयी थी.