जमुई, सोनो: चरकापत्थर थाना क्षेत्र के पहाड़ व जंगल के समीपवर्ती नक्सल प्रभावित गांव में प्रायः ग्रामीणों के लिए कुछ न कुछ बेहतर कार्य करने वाले एसएसबी 16वीं वाहिनी सी समवाय द्वारा सोमवार को कई नक्सल प्रभावित जनजातीय गांवों में दुर्गा अष्टमी के मौके पर भंडारा का आयोजन किया गया. इस भंडारे के आयोजन की खास बात यह थी कि इसमें आने वाले खर्च को एसएसबी जवानों व पदाधिकारियों ने खुद के चंदा से पूरा किया.
एसएसबी के सहायक कमाडेंट आशीष वैष्णव के नेतृत्व में एसएसबी कैंप चरकापत्थर के जवानों ने नैनीपथर, घोटारी, गांधाओनी गांवों में लगभग तीन सौ ग्रामीणों के बीच भंडारे का आयोजन अपने खर्च से करके एक मिसाल पेश किया. इन गांवो में ग्रामीणों को पूरी, सब्जी, खीर वगैरह खिलाया गया. ज्ञात हो चरकापाथर कैंप समय समय पर ऐसी मानवीय सेवा करता रहता है. यही कारण है कि बीते कुछ वर्षो से ग्रामीणों के दिल में एसएसबी के लिए सम्मान और प्रेम के भाव देखे जाते है. एसएसबी की यह खासियत रही है कि कभी बंदूक उठाकर सुरक्षा के लिए तैनात गंभीर लगने वाले जवान जब ग्रामीणों की सेवा में रहते है तब मुस्कुराते उनके चेहरे पर सौम्यता व अपनापन नज़र आता है.
सहायक कमाडेंट आशीष वैष्णव बताते है कि जब वे क्षेत्र का भ्रमण करते है तब जंगल व पहाड़ से सटे छोटे छोटे गांव के लोगों के खुले हृदय और सच्चे मन से प्रभावित होते है. इनकी अभावग्रस्तता देख लगता है कितना जल्द इनके जीवन में और भी सकारात्मक बदलाव हो. इसी के प्रयास में सिविक एक्शन प्रोग्राम चलाकर इनकी कुछ जरूरतों को पूरा किया जाता है. लेकिन कभी कभी पर्व त्यौहार या किसी खास आयोजन पर ग्रामीणों के साथ भंडारे व अन्य आयोजन कर उनके साथ खुशियां बांटने का अवसर मिलता है जो जवानों के खुद के द्वारा चंदे की राशि से किया जाता है. वस्तुतः हमारा मकसद पर्व त्यौहार में हर बच्चे व हर ग्रामीणों के चेहरे पर मुस्कुराहट लाने का होता है. दुर्गा पूजा पर सोमवार को किया गया भंडारा इसी की एक कडी है. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के लिए हम आगे भी अलग अलग तरह के सामाजिक कार्य करते रहेंगे.