15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पूर्णिया स्थित PFI का स्टेट हेड क्वार्टर जांच टीम के रडार पर,देश विरोधी मुहिम चलाने वालों पर पुलिस की नजर

Bihar News: लाइन बाजार के राजाबाड़ी स्थित पीएफआई दफ्तर का मेन गेट बंद पाया गया लेकिन अंदर दफ्तर का दरवाजा खुला था. कुछ लोग मौजूद थे पर पहले जैसा कोई हलचल नहीं था. दो वर्ष पूर्व पीएफआई दफ्तर में इडी की छापेमारी हुई थी.

पटना के फुलवारीशरीफ में राष्ट्र विरोधी मुहिम में शामिल दो लोगों की गिरफ्तारी के बाद पूर्णिया स्थित पीएफआई का दफ्तर जांच टीम के रडार पर है. सोमवार की सुबह से ही यहां यह चर्चा जोरों पर रही कि पटना से पुलिस की विशेष टीम शहर पहुंच चुकी है. हालांकि कहीं भी छापेमारी की सूचना नहीं है. लाइन बाजार के राजाबाड़ी स्थित पीएफआई दफ्तर का मेन गेट बंद पाया गया लेकिन अंदर दफ्तर का दरवाजा खुला था. कुछ लोग मौजूद थे पर पहले जैसा कोई हलचल नहीं था. दो वर्ष पूर्व पीएफआई दफ्तर में इडी की छापेमारी हुई थी.

देश विरोधी मुहिम चलाने वालों पर पुलिस की नजर

छापेमारी को लेकर एसपी दयाशंकर ने बताया कि अब तक बाहरी सुरक्षा एजेंसी द्वारा जिले में कहीं भी छापेमारी नहीं की गयी है. देश विरोधी मुहिम चलाने वाले तत्वों पर पुलिस की पैनी नजर है. उन्होंने कहा कि मुख्यालय से किसी के गिरफ्तारी का अबतक कोई निर्देश नहीं आया है. गौरतलब है कि फुलवारी शरीफ में दो लोगों की गिरफ्तारी के बाद पीएफआई से जुड़े कई खुलासे हुए हैं. सीमांचल का अररिया और किशनगंज से भी तार जुड़े होने की बात भी सामने आयी थी. इसके बाद पटना पुलिस हरकत में आयी. हालांकि, यहां कुछ मिलने की पुष्टि नहीं हो पायी है.

वर्ष 2014 में पूर्णिया में खुला दफ्तर

उपलब्ध जानकारी के मुताबिक पूर्णिया में पीएफआई का दफ्तर 7 वर्ष पूर्व 2014 में खुला है. यह दफ्तर पीएफआई का स्टेट हेड क्वार्टर है. दो से तीन जिला पर एक पीएफआई का दफ्तर होता है. इसका एक इंचार्ज होता है जो एक वर्ष के लिए प्रतिनियुक्त किये जाते हैं. नाम नहीं छापने की शर्त पर जिले में सक्रिय रह चुके संगठन एसडीपीआई के पूर्व जिलाध्यक्ष ने बताया कि पीएफआई पूर्णरूपेण एक सामाजिक संस्था है. इसका मुख्य उद्देश्य मुस्लिम समाज के लोगों का उत्थान करना है. यह संस्था सामाजिक कार्य में सक्रिय है. संस्था के फॉलोवर होते हैं.

Also Read: खुलासा: अतहर युवकों को ट्रेनिंग दिलाकर कराता था स्लीपर सेल में शामिल, अरमान के पास थी फंड की जिम्मेदार

इसके सदस्य नहीं बनाये जाते. शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास पर संगठन काम कर रही है. एसडीपीआइ के बारे में उन्होंने बताया कि बीते विधानसभा चुनाव में वोटिंग प्रतिशत कम होने का कारण जिला का कमेटी भंग कर दिया गया. तब से यहां कोई जिला अध्यक्ष नहीं बनाया गया है. उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से सक्षम लोगों की सहायता से पीएफआइ संगठन चल रहा है. पीएफआइ दफ्तर को तीन से चार कर्मी चलाते हैं, जिसे ऑफिस बियरर्स कहते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें