Bihar News: समाज कल्याण विभाग में तीन घंटे तक दर्ज किया गया बयान, आज टीम जायेगी उत्तर गृह रक्षा परिसर
Bihar News: काउंसेलर के समक्ष आरोप लगाने वाली युवती के साथ महिला विकास मंच के दो सदस्यों को भी जाने की अनुमति दी गयी थी, लेकिन ऑडियो व वीडियो लेने से मना किया गया था.
पटना. समाज कल्याण विभाग ने गायघाट रिमांड होम में रहने वाली महिला का बयान दर्ज किया है. शुक्रवार की दोपहर वह सिंचाई भवन स्थित विभाग के कार्यालय पहुंची. विभागीय अधिकारियों ने महिला को दो महिला काउंसेलर के समक्ष रिमांड होम से संबंधित बयान दर्ज कराया. इस दौरान वह अपने पूर्व में दिये गये बयानों को दोहराया है. काउंसेलर के समक्ष आरोप लगाने वाली युवती के साथ महिला विकास मंच के दो सदस्यों को भी जाने की अनुमति दी गयी थी, लेकिन ऑडियो व वीडियो लेने से मना किया गया था.
युवती से कई एंगल पर पूछताछ की गयी, बावजूद उसका बयान नहीं बदला. लगभग तीन घंटे तक बयान दर्ज करने के बाद देर शाम तक महिला के बयान को रिपोर्ट के रूप में तैयार किया गया है. सूत्रों के मुताबिक महिला को उसके वायरल वीडियो के मिलान के लिए उन्हीं सवालों को अधिक पूछा गया, जो वह पूर्व में वीडियो में कह चुकी है. इस पूरे घटना क्रम में युवती ने काउंसेलर से भी कहा कि आप लोग मेरा बयान ठीक से लिखें. बातों को तोड़-मरोड़ कर हमसे नहीं पूछें. पटना हाइकोर्ट के इस मामले में स्वत: संज्ञान लिये जाने के बाद समाज कल्याण विभाग हरकत में आया है. कोर्ट ने सात फरवरी से पहले विभाग को अपनी जांच रिपोर्ट तैयार करने को कहा है.
पीड़िता की सुरक्षा के लिए एसएसपी के वाट्सएप पर भेजा आवेदन
रिमांड होम का मामला बढ़ने के बाद अब विभाग पर भी दबाव बढ़ता जा रहा है. ऐसे में विभाग ने दोबारा से रिमांड होम के कर्मचारियों से जाकर बयान लेने का दिशा-निर्देश अधिकारियों को दिया है, जिसमें सुरक्षा में लगे सभी कर्मचारियों से बात होगी और तकनीकी उपकरणों की भी जांच होगी. अधिकारियों के शनिवार को रिमांड होम के सुरक्षा में लगे कर्मियों से भी अधिकारियों की टीम बात करने जायेगी. इसको लेकर देश शाम विभाग में बैठक भी की गयी है. इधर महिला विकास मंच की अध्यक्ष वीणा मानवी ने बताया कि युवती को सुरक्षा प्रदान करने के लिए एसएसपी को वाट्सएप पर आवेदन भेजा गया है.
विभाग ने फर्जी जांच रिपोर्ट दी : कंचन
पटना. लोकतांत्रिक जन पहल की महिला नेता कंचन बाला ने गायघाट महिला रिमांड होम पीड़िता के मामले में विभाग की रिपोर्ट को गैरकानूनी और सुप्रीम कोर्ट व हाइकोर्ट के न्यायिक आदेशों और मार्गदर्शन का खुला उल्लंघन करने वाला बताया है. उन्होंने पटना हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से अपील की है कि वे इस मामले में सरकार के सर्वोच्च कार्यपालिका को भी तलब कर उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश देने की बात की. उन्होंने ने कहा कि समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने बिना पीड़िता से मिले और बिना उसके पक्ष को जाने फर्जी जांच रिपोर्ट दी है और पीड़िता को ही कलंकित करने का प्रयास किया है.
वंदना गुप्ता पर हो सकती है कार्रवाई
शुक्रवार को पीड़ित महिला के बयान के बाद विभागीय अधिकारियों ने कहा है कि समय पर सुपरिटेंडेंट वंदना गुप्ता पर कार्रवाई हो सकती है. अभी बयान को दर्ज किया गया है. अब उसका पूर्व के बयान से मिलान होगा. उसके बाद अगर कोई दोषी होगी, तो कार्रवाई होगी.