Loading election data...

बिहार: समुद्र मंथन वाले मंदार पर्वत के सीता कुंड से निकल रही मूर्तियां, सरोवर का रहस्य कर रहा हैरान!

बिहार के बांका अंतर्गत मंदार पर्वत के सीताकुंड से फिर एकबार मूर्तियों के अवशेष बाहर निकलने लगे हैं. गाद सफाई का काम इन दिनों मंदार में चल रहा है. इस दौरान लगातार इस सरोवर के अंदर से खंडित मूर्तियां बाहर आ रही हैं. जानिए क्या है पूरा मामला..

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 14, 2023 10:47 AM

Mandar Hill News: बिहार के बांका जिला अंतर्गत बौंसी स्थित मंदार पर्वत के चक्रावत कुंड (सीताकुंड) की सफाई एकबार फिर से की जा रही है. सरोवर में कई फीट गहराई से गाद निकाला गया. सरोवर में 10 फीट से ज्यादा सिल्ट जमा है. वहीं एकबार फिर से इस सरोवर में मूर्तियां पाई जाने लगी है. तरह-तरह की खंडित मूर्तियां बाहर निकल रही है. जो चर्चे का विषय बना हुआ है.

सीताकुंड से निकल रही मूर्तियां

धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर के प्रतीक मंदार पर्वत के मध्य स्थित चक्रावत (सीताकुंड) से सफाई के दौरान फिर से दो खंडित मूर्तियां प्राप्त हुई है. मालूम हो कि ऐतिहासिक चक्रावत कुंड की सफाई पिछले 20 दिनों से करायी जा रही है. कई फीट से ज्यादा गाद सरोवर से निकाला गया. अंदाजा लगाया जा रहा है कि अभी भी सरोवर में 10 फीट से ज्यादा सिल्ट जमा है. वहीं लगातार इस सरोवर के अंदर से तरह-तरह की मूर्तियां मिल रही है.

Also Read: पटना-रांची वंदे भारत ट्रेन के लिए तय हुआ नया शॉर्टकट रूट, जानिए जनशताब्दी के सफर से अलग क्या रहेगा खास?
लगातार निकल रही मूर्तियां किनकी?

भगवान विष्णु की खंडित प्रतिमा यहां से मिली. उसके ठीक दो दिन बाद दो खंडित प्रतिमा यहां फिर से मिली. इतिहासकार उदयेश रवि की मानें तो इसमें एक प्रतिमा द्वार सेविका की है. देवी देवताओं की मूर्तियों में ऐसी परिचारिकायें या सेविका ने बनाने का प्रचलन था. द्वार पर ऐसी मूर्तियां गढ़कर लगाने की परंपरा थी. द्वार वाले मूर्तियों को ही द्वार सेविका कहते हैं.

कहते हैं इतिहासकार..

हालांकि इतिहासकार का कहना यह भी है कि यह किसी बड़ी मूर्ति का हिस्सा हो सकती है. यह मूर्ति शिल्प कर्नाट शैली की मालूम होती है. जबकि दूसरी प्रतिमा अब तक स्पष्ट नहीं हो पा रही है, लेकिन उनका मानना है कि यह भी मंदिर स्थापत्य का ही अंश है.

समुद्र मंथन का गवाह है मंदार पर्वत 

इतिहासकार ने कहा कि इन खंडित प्रतिमाओं को सामने से देखने के बाद बहुत कुछ जानकारी मिल सकती है. जैसे-जैसे कुंड से गाद निकाली जा रही है मंदिरों के अमलक, कलश सहित नक्काशी दार पत्थर भी यहां से निकल रही हैं.मालूम हो कि समुद्र मंथन से 14 रत्नों की प्राप्ति हुई थी. जब देवता और दानवों ने नाग वासुकी से मंदार पर्वत को मथानी बनाकर समुद्र मंथन किया था. वर्तमान में कई खंडित मूर्तियां और उसके भग्नावशेष मंदार पर्वत समेत आसपास के इलाकों में फैले हुए हैं. यहां म्यूजियम बनाकर इन मूर्तियों के अवशेष को जमा करने की मांग तेज हुई है.

Published By: Thakur Shaktilochan

Next Article

Exit mobile version