बिहार में महंगाई थमने का नाम नहीं ले रही. ऐसे में खाद्य एवं आपूर्ति संरक्षण विभाग ने राज्य क्षेत्र के लिए दालों विशेषकर अरहर और उड़द की कीमतों पर लगाम लगाने और उसकी कालाबाजारी रोकने के लिए स्टॉक सीमा तय कर दी है. यह स्टॉक सीमा खुदरा, थोक दोनों कारोबारियों, चैन रिटेलर्स और मिलर के लिए है. यह स्टॉक सीमा 31 अक्तूबर तक की अवधि के लिए निर्धारित की गयी है. यह अधिसूचना खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की तरफ से जारी की गयी है. वहीं, भारत सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत गेहूं की स्टॉक सीमा भी 31 मार्च 2024 के लिए तय की गयी है.
खाद्य एवं आपूर्ति संरक्षण विभाग की अधिसूचना के मुताबिक थोक विक्रेता के लिए अरहर (तूअर) और उड़द की स्टॉक सीमा 200 टन और खुदरा कारोबारियों के लिए पांच टन निर्धारित की गयी है. बड़ी श्रृंखला वाले खुदरा विक्रेता (बिग चैन रिटेलर्स) के लिए स्टॉक लिमिट उनके रिटेलर्स आउटलेट पर पांच टन और डिपो में 200 टन तय की गयी है. मिलर के लिए स्टॉक लिमिट पिछले तीन माह के उत्पादन अथवा वार्षिक संस्थापित क्षमता का 25 फीसदी, इनमें से जो भी अधिक हो, निर्धारित की गयी है.
अधिसूचना के मुताबिक आयातक की तरफ से सीमा शुल्क की मंजूरी की तारीख से 30 दिनों से अधिक के लिए आयातित स्टॉक को धारित नहीं किया जायेगा. खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव विनय कुमार ने सभी फुटकर, थोक, आयातक और चेन रिलेटर्स को निर्देश दिये हैं कि वे भारत सरकार के उपभोक्ता मामले के पोर्टल पर स्टॉक की स्थिति की घोषणा करें. यदि उनके द्वारा धारित स्टॉक निर्धारित सीमा से अधिक है, तो वह इस अधिसूचना के जारी होने की तारीख से 30 दिनों के भीतर स्टॉक को निर्धारित सीमा तक ले जाए. साथ ही संबंधित पोर्टल पर दालों के स्टॉक की नियमित घोषणा की जाए.
भारत सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत गेहूं की स्टॉक सीमा 31 मार्च 2024 के लिए तय की गयी है. व्यापारिक/थोक विक्रेताओं के लिए गेहूं की स्टॉक सीमा तीन हजार टन, रिटेल-बिग चेन रिटेलर्स के प्रत्येक आउटलेट के लिए 10 टन और उनके डिपो के लिए गेहूं की सीमा 3000 टन तय की गयी है. वहीं, प्रोसेसर्स के लिए यह सीमा वार्षिक संस्थापित क्षमता का 75% या मासिक स्थापित क्षमता के बराबर मात्रा को वर्ष 2023-24 के शेष महीनों से गुणा करके जो भी कम हो, निर्धारित की गयी है. खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने कारोबारियों से कहा है कि प्रति सप्ताह वह धारित स्टॉक सीमा को भारत सरकारी के पोर्टल पर अपलोड करें. उन्होंने सभी डीएम से कहा है कि 11 जुलाई से 31 मार्च तक भौतिक स्टॉक और पोर्टल पर अपलोड किये गये स्टॉक में अंतर पाया गया, तो आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्यवाही करें.
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महंगाई थमने का नाम नहीं ले रहा है. दाल की बात करें तो अरहर दाल की कीमत पिछले दो माह में 20 रुपये प्रति किलो तक बढ़ चुका है. अप्रैल में इसकी कीमत 130 रुपये प्रति किलो थी, जो अब 150 रुपये है. उड़द दाल 110 रुपये से बढ़कर 120 रुपये प्रति किलो हो गया है. गेहूं की कीमत में चार रुपये प्रति किलो तक इजाफा हो चुका है. दो माह पहले गेहूं 25 रुपये से बढ़कर 28 रुपये हो चुका है. खुला आटा 30 रुपये से बढ़कर 32 रुपये प्रति किलो हो गया है. बिहार खुदरा विक्रेता महासंघ के महासचिव रमेश चंद्र तलरेजा ने बताया कि आने वाले दिनों में दालों की कीमत में और इजाफा होगा.