पटना कॉलेज में स्थापना दिवस पर जमकर हुई पत्थरबाजी, पूरा परिसर छाबनी में तब्दील
पटना कॉलेज का आज 161वां स्थापना दिवस है. इसके मद्देनजर कॉलेज में कई प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है. कार्यक्रम के दौरान ही कॉलेज परिसर में छात्रों के दो गुटों में ऐसी झड़प हुई कि पूरा परिसर पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है. स्थापना दिवस का कार्यक्रम जारी है.
पटना. पूरब का आक्सफोर्ड कहे जानेवाले पटना कॉलेज का आज 161वां स्थापना दिवस है. इसके मद्देनजर कॉलेज में कई प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है. कार्यक्रम के दौरान ही कॉलेज परिसर में छात्रों के दो गुटों में ऐसी झड़प हुई कि पूरा परिसर पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है. स्थापना दिवस का कार्यक्रम जारी है.
सुतली बम की अफवाह
अब तक मिली जानकारी के अनुसार स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान छात्रों के दो गुट आपस में भिड़ गये. इससे परिसर में अफरा तफरी का माहौल हो गया. एक गुट ने दूसरे गुट पर कैम्पस में ही जमकर पत्थरबाजी की है. कुछ लोगों का दावा है कि झड़प के दौरान सुतली बम भी चलाया गया है, लेकिन अब तक इसकी पुष्टि नहीं हो पायी है.
मिंटो और जैक्सन छात्रावास के छात्रों के बीच हुआ विवाद
जानकारी के अनुसार कार्यक्रम के दौरान ही कॉलेज के सबसे पुराने मिंटो और जैक्सन छात्रावास के छात्रों के बीच विवाद हो गया. इसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गयी है. हालांकि घटना की सूचना पाकर पीरबहोर थाने की पुलिस तुरंत मौके पर पहुंच गयी है. पीरबहोर थाना अध्यक्ष सबिह उल हक ने बताया कि छात्रों के बीच झड़प हुई है, ऐसी सूचना मिली तो आये हैं. स्थिति को नियंत्रण में कर लिया गया है. इस परिसर में हल्की नोकझोंक आये दिन होते रहते हैं. आज भी कोई बड़ी घटना नहीं घटी है. पटना विश्वविद्यालय के इस कैंपस में ऐसा होता रहता है.
नौ जनवरी 1863 को हुई थी पटना कॉलेज की स्थापना
नौ जनवरी 1863 को पटना कॉलेज की स्थापना की गयी थी. 1863 से लेकर 1917 तक यह कलकत्ता यूनिवर्सिटी से संबद्ध रहा. आज कॉलेज का 161 वां स्थापना दिवस मनाया जा रहा है. पटना कॉलेज के कीर्तिमानों का एक लंबा इतिहास रहा है. बिहार के शैक्षिक, सामाजिक, सांस्कृतिक व राजनीतिक गतिविधियों का यह कॉलेज न सिर्फ केंद्र रहा है, बल्कि उत्प्रेरक भी रहा है. भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद, सच्चिदानंद सिन्हा, जयप्रकाश नारायण समेत कई महापुरुषों के व्यक्तित्व निर्माण में पटना कॉलेज की प्रमुख भूमिका रही है.