पटना. बिहार में खाद की कालाबाजारी को लेकर केंद्र और राज्य आमने-सामने हो गये हैं. नयी सरकार बनने के बाद वैसे भी बिहार का केंद्र से बेहतर रिश्ते नहीं रहे हैं, ऊपर से बिहार के कृषिमंत्री सुधाकर सिंह का बयान आने के बाद बिहार पर हमलावर होने का केंद्रीय मंत्री को एक मौका मिल गया है. ऐसे में केंद्रीय राज्य रसायन और उर्वरक मंत्री भगवंत खुबा ने साफ शब्दों में कह दिया है कि अगर बिहार में खाद की कालाबाजारी यूं ही जारी रही और इसे नहीं रोका गया तो केंद्र सरकार बिहार को खाद देना बंद कर देगी.
केंद्रीय कृषि मंत्री ने बिहार के कृषि मंत्री पर गंभीर आरोप भी लगाया है. केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि नयी सरकार बनने के बाद एक महीने में खाद और उर्वरक की जमकर कालाबाजरी हुई है. भगवंत खुबा ने कहा कि नयी सरकार में कालाबाजारी रोकने को लेकर कोई पहल नहीं हो रही है, उलटा ऐसा लगता है कि कृषिमंत्री कालाबाजारी से पैसा कमा रहे हैं. उन्होंने कहा है कि अगस्त महीने में किसानों को काफ़ी समस्या झेलनी पड़ी है.
भगवंत खुबा ने कहा है कि भारत सरकार को किसानों की चिंता है, इसीलिए मैं यहां आया हूं और अब खाद्य-उर्वर्क का हिसाब भी लूंगा. उन्होंने कृषि मंत्री सुधाकर सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा है कि वे कालाबाजरी और किसानों की समस्या खत्म करने में नाकाम रहें हैं. यह कमजोर सरकार की पहचान है. खुबा ने कहा कि केंद्र सरकार पहले भी मदद कर रही थी और आगे भी करती रहेगी.
रसायन और उर्वरक मंत्री ने आगे कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार में यह सिस्टम तैयार किया गया. कृषि मंत्री ने भारत सरकार को पत्र लिखकर कहा कि राज्य को आवश्यकता अनुसार खाद और उर्वरक नहीं मिल रहा है. लेकिन, ये बिलकुल गलत है. केंद्र की तरफ से कभी कमी नहीं हुई. भारत सरकार 262 रुपए में यूरिया देती है. किसानों ने 600 रुपये से ज्यादा ख़रीदा है. उन्होंने किसानों से अपील की है कि ज्यादा कीमत में खरीददारी न करें. खुबा ने कहा कि कुछ लोग पैसा कमाने का काम कर रहे हैं और उन्हें रोका जाएगा.