कोसी-सीमांचल व पूर्व बिहार में बुधवार की देर रात अचानक तेज आंधी और तूफान ने भारी तबाही मचायी. घंटों तक चली तेज हवा व आंधी ने कई बड़े-बड़े पेड़ को जमीन से उखाड़ कर सड़क पर गिरा दिया. गुरुवार की सुबह भी कुछ जगहों पर बिजली चमकी और आंधी के साथ बारिश हुई. छोटे-बड़े सभी तरह के कई कमजोर व सूखे पेड़ भी गिर गये. कई मकान का चदरा, झोपड़ी के छप्पर आदि को भी तेज हवा ने उड़ाकर दूर फेंक दिया.
आंधी की वजह से बांका, अररिया, भागलपुर सहित अन्य जिलों में भी काफी नुकसान हुआ. कई पुराने पेड़ थे जो इस आंधी की बलि चढ़ गये. कई बिजली के तार भी क्षतिग्रस्त होकर नीचे गिर गये. कई पेड़ की डालियां की वजह से टूट गये. नतीजतन, मध्य रात से ही बिजली आपूर्ति शहरी क्षेत्र के अधिकांश भाग में ठप रहा है. कई इलाकों में गुरुवार शाम तक भी बिजली नहीं पहुंच पायी थी.
बांका के बौंसी नगर पंचायत क्षेत्र के कामधेनु मंदिर परिसर में 21 मई से शुरू होने वाले महारुद्र यज्ञ को आंधी तूफान से भीषण नुकसान पहुंचा है. यज्ञशाला व पंडाल के साथ-साथ प्रतिमा भी पूरी तरह से धराशायी हो गया है. श्रद्धालुओं के लिए बनाया गया विशाल पंडाल भी पूरी तरह से धराशायी हो गया है. मधेपुरा, सुपौल व किशनगंज में घर गिरने से उसके नीचे मवेशी देब गये और मौत हो गयी.
मधुबनी में बुधवार की रात आयी आंधी-तूफान के कारण बिजली विभाग 15 लाख से अधिक का नुकसान हुआ है. मधुबनी डिवीजन के कई जगहों पर बिजली का पोल व तार क्षतिग्रस्त हो गया है. विभाग के कार्यपालक अभियंता मो. अरमान ने कहा है कि आंधी के कारण जिला मुख्यालय में 12 पोल क्षतिग्रस्त हुआ है. जबकि कई डिटीआर में भी खराब हो गया.
तूफान के कारण इमरजेंसी फिडर की बिजली दो घंटे तक बाधित रही. जबकि कोसी फिडर, मंगरौनी फिडर,ह वाई अड्डा फिडर से बिजली आपूर्ति चार घंटे से अधिक समय तक बाधित रही. ओल्ड फिडर, न्यू फिडर में भी दो घंटे तक बिजली आपूर्ति बाधित रही. कार्यपालक अभियंता ने कहा कि शहर में रात में ही बिजली आपूर्ति चालू कर दिया गया. शहर के कई फिडर में डिटीआर में खराबी आने के कारण बिजली आपूर्ति बाधित रही.
आंधी-तूफान से ग्रामीण क्षेत्र के बेनीपट्टी, हरलाखी, बिस्फी, पंडौल, जयनगर में दो सौ से अधिक बिजली का पोल गिर जाने के कारण बुधवार की रात बिजली आपूर्ति बाधित रही. इन क्षेत्रों में गुरुवार को बिजली की आपूर्ति चालू हुआ. कार्यपालक अथियंता ने कहा है कि बिजली पोल व तार को दुरुस्त करने के लिए विभाग जेसीबी मशीन के साथ ही चार दर्जन मिस्त्री को लगया गया. विभाग के पास मिस्त्री का कमी होने के कारण परेशानी बढ़ गयी है. डिवीजन में 100 मिस्त्री की जरूरत है. लेकिन विभाग के पास मानव बल सहित सिर्फ 42 मिस्त्री ही उपलब्ध है. मिस्त्री की कमी के कारण भी बिजली की निर्बाध आपूर्ति में परेशानी हो रही है.