सुमित कुमार, पटना: सूबे के 16 शहरों में जलजमाव व गंदे पानी की निकासी को लेकर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट व ड्रेनेज निर्माण को लेकर योजना तैयार की गयी है. इन योजनाओं का विस्तृत प्लान (डीपीआर) तैयार कर राज्य व केंद्र सरकार को मंजूरी के लिए भेजा गया है.
स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजमेंट ग्रुप (एसपीएमजी) और नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) की मंजूरी मिलते ही विधिवत रूप से टेंडर प्रक्रिया व एजेंसी का चयन कर काम शुरू कर दिया जायेगा. इन योजनाओं पर करीब 1136 करोड़ रुपये खर्च किये जाने का अनुमान है. इसके साथ ही पांच अन्य शहरों आरा, बेतिया, कटिहार, जमालपुर, जोगबनी और आरा में सीवरेज नेटवर्क और एसटीपी के लिए डीपीआर निर्माण की प्रक्रिया चल रही है.
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक 16 में से तीन शहरों दिघवारा, मनिहारी और तेघड़ा में फीकल सल्ज ट्रीटमेंट प्लांट यानी मानव मल प्रबंधन पर काम होगा. वर्तमान में सेप्टिक टैंक के गाद को टैंकों में भर कर खुले में सड़क के किनारे गिरा दिया जाता है, जिससे पर्यावरण प्रदूषित होता है. इस प्लांट के जरिये शौचालय टैंक के गाद से जैविक खाद बनायी जायेगी. ट्रीटमेंट प्लांट से यहां आने वाली गंदगी को निस्तारित कर खाद बनाया जायेगा व पानी को साफ कर दूसरे प्रयोगों में लाया जायेगा.
शहरों की जरूरत को देखते हुए ड्रेनेज नेटवर्क और एसटीपी की योजनाएं तैयार की गयी हैं. डीपीआर के मुताबिक किशनगंज, रक्सौल और मोतिहारी शहर में अलग-अलग क्षमता के तीन-तीन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगेंगे. वहीं, जमुई, सहरसा और दरभंगा में दो-दो एसटीपी लगाये जायेंगे.
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मानव मल प्रबंधन परियोजना
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दिघवारा (2.97 करोड़), मनिहारी (5.50 करोड़), तेघड़ा (4.11 करोड़)
अरवल (50.19 करोड़), दाउदनगर (35.06 करोड़), दरभंगा (101.41 करोड़), किशनगंज (109.46 करोड़), रक्सौल (87.62 करोड़), सहरसा (110.76 करोड़), मधेपुरा (47.28 करोड़), मोतिहारी (164.31 करोड़), जमुई (56.58 करोड़), लखीसराय (88.55 करोड़), बगहा (85.41 करोड़), गोपालगंज (134.21 करोड़), समस्तीपुर (61.71 करोड़).
आरा, बेतिया, कटिहार, जमालपुर और जोगबनी.