आनंद तिवारी, पटना. पटना जिले में एक बड़ा वर्ग गंभीर स्तर के तनाव से जूझ रहा है. इसमें बुजुर्ग व अधेड़ की तुलना में युवाओं की संख्या सर्वाधिक है. नींद नहीं आने और घबराहट जैसी शिकायतें बढ़ रही हैं. यह खुलासा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टेली मानस हेल्पलाइन पर आ रहे परामर्श फोन के बाद हुआ है. इलाज कर रहे डॉक्टरों के मुताबिक भाग-दौड़ भरी जिंदगी में तनाव ने हर घर में जगह बना ली है. तनाव के कारण घबराहट और नींद नहीं आने के केस बढ़े हैं. कुछ मरीज गंभीर स्थिति में भी अस्पताल पहुंचे हैं.
कोईलवर मानसिक रोग विभाग व आइएमए के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय कुमार का कहना है कि मानसिक रोगियों की संख्या में वृद्धि हुई है. टेलीमानस हेल्पलाइन में सबसे ज्यादा कॉल मूड खराब और घबराहट होने को लेकर आ रहे हैं. इसके बाद नींद न आने, तनाव आदि परेशानियों को लेकर भी कॉल अधिक आते हैं. आइजीआइएमएस व कोईलवर मानसिक रोग विभाग में संचालित टेलीमानस हेल्पलाइन में रोजाना 20 से अधिक लोग फोन करते हैं. इनमें 20 से 40 साल के उम्र वाले लोगों की संख्या सबसे अधिक है.
हेल्पलाइन नंबर पर फोन करने वाले लोगों से नींद नहीं आने, खराब मूड, तनाव, पारिवारिक समस्या, निराशा, काम में मन नहीं लगना, आशा खो देना, चिड़चिड़ाहट, नशा करना, इच्छा खत्म होना, आत्महत्या का ख्याल लक्षण अधिक होते हैं. इसके बाद कुछ लोगों की शिकायत होती है कि थकान, मेडिकल या अन्य परीक्षा संबंधित समस्या, अधिक काम करना, खुद को नुकसान पहुंचाना, झगड़ा होने पर सामान तोड़ना, दवा संबंधित दिक्कत, शरीर में अतिरिक्त परेशानी, स्कूल नहीं जाने आदि करीब 23 से अधिक लक्षणों वाले मरीज फोन करते हैं.
आइजीआइएमएस के उपनिदेशक डॉ मनीष मंडल ने बताया कि टेलीमानस हेल्पलाइन के तहत डॉक्टर व काउंसेलर मरीजों को फोन पर मदद कर रहे हैं. अधिक परेशानी वाले मरीजों को संस्थान में बुलाकर इलाज किया जाता है. उन्होंने बताया कि 24 साल का एक युवक अवसादग्रस्त था. उसके मन में दिन में कई बार खुदकुशी के विचार आते थे. परिजन के माध्यम से युवक की काउंसेलिंग की गयी. बेहतर इलाज के बाद वह पूर्ण रूप से स्वस्थ है.
मानसिक समस्याओं से जूझ रहे लोग 14416 और 1800914416 हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर अपनी परेशानियों को दूर कर सकते हैं. पूरे बिहार में यह सुविधा आइजीआइएमएस, कोईलवर मानसिक रोग अस्पताल व भागलपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शुरू की गयी है. खासकर 14416 नंबर अधिक प्रभावी है.
टेलीमानस हेल्पलाइन पर कोई भी मरीज परेशानियां बताता है तो ऐसे फोन पर ही उसकी काउंसेलिंग की जाती है. यदि गंभीर स्तर पर तनाव पहुंच गया है, तो मरीज के परिजनों से बात करके उसे अस्पताल लाया जाता है. टेली मानस आइवीआरएस प्रणाली पर काम करता है. इस तकनीक में कॉल करने वाले व्यक्ति का फोन कट जाये, तो काउंसेलर उसे तुरंत फोन कर सकता है. अगर कॉलर का नंबर नेटवर्क में नहीं रहता है फिर भी यह सेटेलाइट के जरिये इमरजेंसी कॉल के तौर पर कॉलर को फोन कनेक्ट कर सकता है.