पटना. बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर ने सोमवार को बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि बिहार में गुणवत्ता वाली शिक्षा की बात होती है. बिहार में गुणवत्ता वाली शिक्षा के लिए कड़े फैसले लेने की जरूरत है. हमारी सरकार भी इस ओर काम कर रही है. हम सभी को इस बात के लिए तैयार होना होगा कि अगर बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देनी है तो कुछ कड़े फैसले लेने होंगे. शिक्षामंत्री ने कहा कि बिहार में नयी शिक्षक भर्ती नीति इसी को नजर में रख कर बनायी गयी है.
प्रो चंद्रशेखकर ने कहा कि बिहार में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की जरूरत है. आज कई टीचर ऐसे हैं, जो बच्चों को क्या पढ़ाते हैं, उनको खुद नहीं पता होता है. उन्हें विषय का ज्ञान तक नहीं है. सरकारी स्कूल में कौन पढ़ता है. गरीब के बच्चे पढ़ते हैं. अब गरीब के बच्चों को भी बेहतर शिक्षा मिलेगी. परीक्षा लेकर बहाली करना इसलिए अति आवश्यक है. बीजेपी के नेता इस मुद्दे पर बयानबाजी कर रहे हैं. पहले सुशील मोदी कहते थे कि नियोजित शिक्षकों को वेतनमान नहीं किया जा सकता है, लेकिन आज हम इसको कर रहे हैं.
शिक्षामंत्री ने कहा कि शिक्षक परीक्षा देने से भाग क्यों रहे हैं? यह समझ में नहीं आ रहा है. टीईटी और एसटीईटी के अभ्यर्थी जो हंगामा कर रहे हैं, उन्हें यह समझना होगा. कुछ लोग शिक्षक और अभ्यर्थी संघ को बरगला रहे हैं. विरोधी दल के लोग गलत बयानबाजी कर आंदोलनकारी को बढ़ावा दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया बहुत जल्द शुरू होगी. अब जो शिक्षक नियुक्त होंगे वो सरकारी शिक्षक होंगे. सभी जिलों से रिक्तियों की मांग की गई है. नियुक्ति के लिए जल्द ही विज्ञापन निकाला जाएगा.