पटना. नगर निकाय क्षेत्र या बड़े शहरों के प्लानिंग क्षेत्र से बाहर बनाये जाने वाले अपार्टमेंट के रेरा रजिस्ट्रेशन पर रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी (रेरा) ने ही रोक लगा दी है. इसके अलावा पूर्व में पंचायत क्षेत्रों में आने वाले किसी अपार्टमेंट या टाउनशिप को लेकर रेरा की ओर से रजिस्ट्रेशन किया गया है, तो भी उसका नवीनीकरण रेरा नहीं करेगा. यानी फिलहाल शहरों से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में अपार्टमेंट नहीं बन पायेंगे.
क्या है नियम
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आठ फ्लैट से अधिक और 500 वर्गमीटर
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से अधिक निर्माण पर रेरा रजिस्ट्रेशन की जरूरत होती है .
फायदा
बड़े अपार्टमेंटों के गलत नक्शे पास नहीं होंगे, जिससे बाद में किसी तरह की रोक नहीं लग पायेगी और ग्राहकों को भविष्य में नुकसान नहीं होगा.
नुकसान
इस रोक से रियल इस्टेट के काम पर ब्रेक लग जायेगी. बिल्डरों के पास ग्राहकों के पैसे फंसने की संभावना है.
गौरतलब है कि अब तक शहरों से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में मुखिया द्वारा नक्शा पास किया जाता रहा है. मुखिया के पास नक्शे पर ही रेरा स्थापना के बाद भी कई साल तक रेरा रजिस्ट्रेशन हुआ है. मगर, इस पर रोक लगा दी गयी है.
दरअसल, किसी भी अपार्टमेंट निर्माण के लिए अपने स्थानीय नगर निकाय से नक्शा पास कराना होता है. पटना और अन्य बड़े शहर मसलन मुजफ्फरपुर, भागलपुर आदि शहरों में भी नक्शा स्थानीय निकाय ही पास करता है. वहीं, जिन शहरों का मास्टर प्लान स्वीकृत हो गया है, वहां नक्शा पास करने का अधिकार महानगर योजना प्राधिकार को भी दिया गया है. मगर, इसके अलावा शहरों से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में पहले मुखिया नक्शा पास करते थे, जिसके बाद उस नक्शे के आधार पर रेरा में रजिस्ट्रेशन होता था.
लेकिन, अब रेरा का कहना है कि बड़े निर्माण के नक्शे की जांच, अपार्टमेंट पूरा होने के प्रमाणपत्र आदि की जांच करने के लिए मुखिया के पास कोई सिस्टम नहीं है. ग्राम पंचायत में इंजीनियर, आर्किटेक्ट आदि की नियुक्ति नहीं है. ऐसे में बड़े निर्माण का नक्शा मुखिया पास नहीं कर सकते हैं. इसलिए लेकर सरकार स्तर से निर्देश मांगा गया है. सरकार के निर्देश आने तक इन क्षेत्रों के रेरा रजिस्ट्रेशन या रजिस्ट्रेशन के नवीनीकरण आदि पर रोक लगा दी गयी है.
दरअसल, वर्तमान समय में राज्य के बड़े निकायों के शहरी क्षेत्र के अपेक्षाकृत बाहरी क्षेत्र में ही अधिक अपार्टमेंटों का निर्माण चल रहा है. रेरा के इस निर्णय से सैकड़ों अपार्टमेंट निर्माण की प्रक्रिया रुक जायेगी और कई दर्जन अपार्टमेंट अधूरे रह जायेंगे.
गौरतलब है कि वर्तमान में 1171 स्वीकृत, 258 की जांच, 28 की स्क्रूटनी, 19 रिजेक्ट, पांच अंडर प्रोसेस और 82 प्रोजेक्टों का नवीनीकरण पूरे राज्य में रेरा की ओर से किया गया है.
Posted by Ashish Jha