पटना. प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत आवास निर्माण को लेकर कार्यादेश निर्गत होने के बावजूद 57 शहरी निकायों ने लाभुकों को उनके किस्त की राशि भुगतान नहीं की है. इनमें से नौ शहरी निकायों में 500 से अधिक कार्यादेश लंबित होने पर विभाग ने कड़ा एक्शन लेते हुए संबंधित निकाय में प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रभारी पदाधिकारी, हाउस फॉर ऑल के नोडल पदाधिकारी और सिटी लेवल टेक्निकल सेल (एसएलटीसी) के पदाधिकारियों का वेतन तत्काल प्रभाव से रोक दिया है. इनके अतिरिक्त 34 नगर निकायों में 100 से कम और 14 नगर निकायों में 10 से भी कम कार्यादेश लंबित रहने पर संबंधित पदाधिकारियों को शीघ्र भुगतान का निर्देश दिया गया है.
500 से अधिक निर्गत कार्यादेश के बावजूद राशि लंबित रखने वाले शहरों में उपमुख्यमंत्री सह विभागीय मंत्री तारकिशोर प्रसाद का शहर कटिहार भी शामिल हैं. इसके अलावा रोसड़ा, मुजफ्फरपुर, निर्मली, नौबतपुर, मैरवा, एकमा बाजार, रक्सौल एवं मधुबनी शहर के प्रभारी पदाधिकारियों ने भी अब तक राशि लटका रखी है. इनमें से मधुबनी नगर निगम में प्रधान सहायक की मृत्यु के पश्चात कार्यालय बाधित रहने, जबकि रक्सौल में लगभग 10 दिन पहले ही जिला उपनिर्वाचन पदाधिकारी को कार्यपालक पदाधिकारी का प्रभार दिये जाने की वजह से राशि लंबित रहने की बात कही गयी. इनके प्रभारी पदाधिकारियों से अलग से स्पष्टीकरण की मांग की गयी है.
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नगर विकास एवं आवास विभाग के मुताबिक उक्त शहरी निकायों को पिछले छह माह में चार बार नोटिस दिया गया है. यह नोटिस दिसंबर 2021 में एक बार, मार्च 2022 में दो बार और अप्रैल 2022 में एक बार दिया गया. इसके अलावा वीडियो कॉन्फ्रेेंसिंग के माध्यम से भी प्रधान सचिव आनंद किशोर ने शत-प्रतिशत लाभुकों को कार्यादेश निर्गत करने या अपात्र लाभुकों की राशि प्रत्यर्पित करने का निर्देश दिया. लेकिन, निकायों के स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर वेतन रोकने की कार्रवाई की गयी. अधिकतर नगर निकायों में पीएम आवास योजना (शहरी) का प्रभारी पदाधिकारी संबंधित शहरी निकाय के कार्यपालक पदाधिकारी को बनाया गया है. विभाग ने निर्देश दिया है कि संबंधित लाभुकों को शीघ्र प्रथम, द्वितीय या तृतीय किस्त की राशि का भुगतान सुनिश्चित किया जाये.