बिहार में मौसम ने एक बार फिर से करवट बदली है. राज्य के अधिकांश हिस्सों में तेज पछुआ हवा के प्रभाव से लोग परेशान दिख रहे हैं. सोमवार को पटना सहित राज्य के अधिकांश जिलों में 15 से 25 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चली हवा ने लोगों को सर्दी का अहसास कराया. तेज धूप निकलने के बावजूद भी लोग ठिठुरते दिखे. विगत चार दिनों से लोगों को गुलाबी ठंड का अहसास हो रहा था. सुबह-शाम ही ठंड पड़ रही थी. लेकिन अब तेज हवा से एक बार फिर ठंड का एहसास होने लगा है. सुबह और शाम के तापमान में कमी आयी है.
मंगलवार को सबौर में सर्वाधिक अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस व बांका में न्यूनतम तापमान 5.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. सुबह और शाम के तापमान में कमी आयी है. मौसम विभाग के मुताबिक अगले दो दिनों तक न्यूनतम तापमान में दो से चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट की संभावना है. वही पछुआ हवा की गति भी 20 किमी प्रति घंटे के आसपास रहने वाली है.
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि वायुमंडल में उच्च दबाव का क्षेत्र बने होने के कारण हवा की गति में वृद्धि आयी. इसके प्रभाव से लोगों को फाल्गुन का पूरा अहसास हुआ है. अगले 24 घंटों के दौरान हवा की गति में कमी नहीं आएगी. ऐसे में ठंड के प्रति सावधानी जरूरी है. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा मौसम तेलहन फसल के लिए अच्छी है. वहीं गेहूं की फसल के लिए मौसम अनुकूल नहीं हो रहा है. तेज हवा के चलते खेत की नमी कम हो रही है. तेज हवा के चलते सिंचाई करना भी जोखिमपूर्ण है. किसानों को चाहिए कि इस मौसम में गेहूं की फसल की सिंचाई नहीं करें. हवा की रफ्तार कम होने पर ही सिंचाई करें.
डॉ संजय गिरि ने बताया कि बदलते मौसम में इम्युन सिस्टम कमजोर हो जाता है. ऐसे में सर्दी, जुकाम और बुखार की परेशानी आम बात है. सुबह व शाम के समय पर्याप्त कपड़े पहन कर ही बाहर निकलना चाहिए. बदलते मौसम में वायरल बुखार के मामले बढ़ते हैं. बड़ों के साथ बच्चे भी वायरल बुखार की चपेट में आ रहे हैं. इसलिए इस मौसम में बच्चों तथा बुजुर्गों को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है. कभी सर्द और कभी गर्म मौसम होने के कारण सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार, गले में दर्द, थकान जैसी बीमारियां लोगों को परेशान कर रही है सबसे पहले बच्चे इनकी चपेट में आते हैं. उन्होंने कहा कि बीमारियों से बचने के लिए बच्चों के कपड़ों को साफ रखना चाहिए. साफ- सफाई पर पूरा ध्यान रखना चाहिए.
मौसम में बदलाव अपने साथ बहुत सारी बीमारियां साथ लेकर आता है. खान पान पर ध्यान देने की जरूरत है. पौष्टिक आहार लेना चाहिए, इससे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. पर्याप्त पानी पीना चाहिए. मौसमी फलों एवं सब्जियों का खाने में प्रयोग करना चाहिए. विटामिन सी वाले फल जैसे संतरा, नींबू ज्यादा लेना चाहिए क्योंकि यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं. ठंडे पदार्थों का सेवन न करें. नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक को दिखाएं.