पटना. 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं, लेकिन इससे पहले उद्घाटन को लेकर देश में सियासी संग्राम छिड़ गया है. नये संसद भवन को लेकर राष्ट्रव्यापी सियासत का मुख्य केंद्र बिहार बनता जा रहा है. विधान सदन के उद्घाटन को लेकर बिहार में एक ओर जहां भाजपा नेताओं ने आक्रामक तरीके से नीतीश कुमार के खिलाफ हल्ला बोला है, वहीं जदयू के नेताओं ने घोषणा कर दी है कि वो 28 मई को बाबा साहेब की प्रतिमा के आगे अनशन पर बैठेंगे. इधर, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने साफ शब्दों में कहा है कि 2024 में देश भाजपा मुक्त होगा और जब भाजपा मुक्त होगा तो नये संसद भवन में कुछ दूसरा काम किया जाएगा.
नये संसद भवन के उद्घाटन का विरोध कर रहे सत्ताधारी दल के खिलाफ भाजपा के सभी विधायक और एमएससी शुक्रवार को बिहार विभान मंडल के विस्तारित भवन के शिलापट्ट के सामने पहुंचे. भाजपा नेता वहां काफी देर तक धरने पर बैठे. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार समेत पूरा सत्ताधारी दल आज नये संसद भवन के उद्घाटन पर विरोध कर रहा है. वह जरा बताएं कि सीएम नीतीश कुमार ने कैसे बिहार विधान मंडल के विस्तारित भवन का उद्घाटन कर दिया. उस समय उनके संविधान का ज्ञान कहां गया. उस वक्त उन्होंने तत्कालीन राज्यपाल से उद्घाटन क्यों नहीं करवाया. इधर, विधान मंडल में भाजपा नेताओं के पहुंचने से पहले ही भारी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिये गये थे. इधर, साबिर अली ने नये संसद भवन के उद्घाटन को एक अभूतपूर्व क्षण बताया. साथ ही कहा कि विपक्षी दलों को अपनी हठधर्मिता का त्यागकर सद्भाव के साथ इस पवित्र अवसर का साक्षी बनना चाहिए.
नई संसद का उद्घाटन समस्त देशवासियों के लिए एक अभूतपूर्व क्षण होगा। यह भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को एक नया आयाम देगा। विपक्षी दलों को अपनी हठधर्मिता का त्यागकर सद्भाव के साथ इस पवित्र अवसर का साक्षी बनना चाहिए।
– श्री साबिर अली जी@narendramodi @PMOIndia @JPNadda @AmitShah… pic.twitter.com/Yd529g5lFQ
— Sabir Ali (@SabirAliIndia) May 26, 2023
देशभर के 21 राजनीतिक दलों के साथ नये संसद के उद्घाटन का बहिष्कार कर रही नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने कहा है कि वह एक आदिवासी राष्ट्रपति का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगी. पार्टी के नेता 28 मई को इसके खिलाफ अनशन करेगी. बिहार जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा है कि इसके खिलाफ जेडीयू के नेता और कार्यकर्ता 28 मई को बाबा साहब की प्रतिमा के नीचे बैठकर अनशन करेंगे. उनका कहना है कि नये संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री से नहीं कराकर राष्ट्रपति से कराया जाये. जदयू ने कहा है कि नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को नहीं बुलाना दलित, आदिवासी समाज के साथ साथ महिलाओं का अपमान है और जदयू इस अपमान को बर्दाश्त नहीं करेगी.
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा है कि भाजपावाले कुछ भी बोलते रहते हैं. इतना ही ज्ञानी हैं तो उनको पता होना चाहिए कि विस्तारित भवन और नये संसद भवन व विधानसभा भवन में अंतर होता है. विस्तारित भवन दिल्ली में भी पार्लियामेंट का बना है. उसका कौन उद्घाटन किया कोई खोज खबर लेता है क्या? जहां नया संसद भवन बना है, वहां प्रधानमंत्री कार्यालय बना लेते, लेकिन मुख्य संसद भवन का उद्घाटन हो रहा है. मालूम हो कि प्रधानमंत्री इससे पूर्व संसद के ऊपर स्थापित अशोक स्तंभ का अनावरण कर चुके हैं और उस वक्त इसका विरोध किसी ने किया था.