Bihar News: स्मार्ट सिटी भागलपुर के सैंडिस कंपाउंड में एक 16 वर्षीय किशोर की मौत स्विमिंग पूल में डूबने से हो गयी. घटना शुक्रवार शाम की है. किशोर के डूबने की खबर आग की तरह फैली और सोशल मीडिया पर ये वायरल होने लगा. मृतक की पहचान 10 वीं के छात्र मोहम्मद शारिक के रूप में की गयी. जो अपने दोस्तों के साथ स्विमिंग के लिए आया था. नाथनगर के सात दोस्त मिल कर सैंडिस कंपाउंड घूमने गए थे. 1600 रुपए की रसीद कटाकर सभी तैरने गए थे. शारिक को डूबा हुआ देख एक व्यक्ति पूल में कूदा और आनन-फानन में बाहर निकालकर उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. आरोप व्यवस्थापक पर लगे हैं.
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शारिक अपने अन्य दोस्तों के साथ स्विमिंग के लिए आया और अचानक गहरे पानी में जाने से उसकी मौत हो गयी. जिस समय वह स्विमिंग पूल में डूब रहा था, उस समय बाकी के दोस्त उसके पास मौजूद थे लेकिन कोई भी उसे डूबते हुए नहीं देख पाया. वहां मौजूद एक व्यक्ति की उस पर नजर पड़ी, तो उसने कूद कर उसे स्विमिंग पूल से बाहर निकाला. ऐसा दावा है कि वो व्यक्ति ट्रेनर ही था. फौरन शारिक का पेट दबा कर पानी निकालने की कोशिश की गयी. लेकिन उसे होश नहीं आया. जिसके बाद उसे फौरन JLNMCH अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
मृतक नाथनगर निवासी मो शकील का पुत्र था जो दसवीं का छात्र था. इस घटना के लिए स्विमिंग पूल का संचालन कर रही एजेंसी को जिम्मेदार ठहराया गया है. शारिक पांच भाइयों में तीसरे स्थान पर था. उसके पिता बुनकर हैं और घर पर पावरलूम चलाते हैं.
सात दोस्त सैंडिस कंपाउंड में घूमने के इरादे से पहुंचे थे. अचानक सबने तैरने का प्लान बनाया और 1600 रुपए की रसीद कटा ली. शारिक के एक दोस्त समीर ने बताया कि सभी नहाने में मशगूल थे और उन्हें पता ही नहीं चला कब शारिक गहरे पानी में चला गया. एक व्यक्ति पूल में कूदा और शारिक को खींचकर निकालने लगा तब सभी दोस्तों की नजर उधर गयी.
अब आरोप एजेंसी पर लगा है. परिजनों व शारिक के साथ तैरने आए दोस्तों ने कहा कि स्विमिंग पूल के व्यवस्थापक को जिम्मेदार ठहराया है और आरोप लगाया है कि ट्रेनर की गैरमौजूदगी में स्विमिंग पूल में यह घटना घटी है. वहीं सैंडिस कंपाउंड स्थित स्विमिंग पूल की एजेंसी के संचालक राजीव कुमार ने बताया कि स्विमिंग पूल के पास 24 घंटे ट्रेनर की व्यवस्था रहती है. एक नहीं, तीन-तीन ट्रेनर व गार्ड हैं.
संचालक ने कहा कि अगर ट्रेनर नहीं था, तो कूद कर उसे निकाला कैसे गया? ट्रेनर ने ही लड़के को स्विमिंग पूल से निकाला और उसे मोटरसाइकिल पर बैठा कर अस्पताल पहुंचाया. उन्होंने बताया कि जब वे सभी सातों दोस्त स्विमिंग पूल पहुंचे थे, तो ट्रेनर से सभी से पूछा था कि कौन-कौन तैरने जानता है. उनमें से तीन दोस्त तैरना नहीं जानते थे. सभी मस्ती करने में लगे थे, तभी यह घटना घटी है.
भागलपुर के प्रभारी जिलाधिकारी कुमार अनुराग ने कहा कि नगर निगम के पदाधिकारियों से मामले की जांच करायी गयी. ट्रेनर मौके पर उपस्थित थे. लाइफ जैकेट भी था. उसके बाद ऐसी घटना क्यों घटी इसकी जांच करायी जाएगी.
Published By: Thakur Shaktilochan