बिहार में सातवें चरण की नियुक्ति में दुरुस्त किया जायेगा छात्र-शिक्षक अनुपात, निदेशक ने मांगी रिपोर्ट

शिक्षकों की नियुक्ति छात्रों के अनुपात में की जायेगी. सातवें चरण की नियोजन प्रक्रिया शुरू करने से पहले विभाग ने सभी जिलों से रिक्ति की रिपोर्ट मांगी है. पहले दो तरीके से रिक्ति की गणना की जानी थी, जिसमें पहले से रिक्त चले आ रहे पदों पर ही नियुक्ति करने की बात कही गयी थी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 11, 2022 10:58 AM

मुजफ्फरपुर. प्रारंभिक व मध्य विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति छात्रों के अनुपात में की जायेगी. सातवें चरण की नियोजन प्रक्रिया शुरू करने से पहले विभाग ने सभी जिलों से रिक्ति की रिपोर्ट मांगी है. पहले दो तरीके से रिक्ति की गणना की जानी थी, जिसमें पहले से रिक्त चले आ रहे पदों पर ही नियुक्ति करने की बात कही गयी थी. लेकिन, अब विद्यालय में छात्रों की संख्या के आधार पर शिक्षकों की जरूरत को देखते हुए जिले से रिपोर्ट मांगी गयी है.

12 जून को पटना में विभाग की बैठक

12 जून को पटना में विभाग की बैठक होगी, जिसमें सभी जिलों के रिक्तियों की समीक्षा की जायेगी. प्राथमिक शिक्षा निदेशक रवि प्रकाश ने सभी जिलों के डीइओ व डीपीओ स्थापना को पत्र भेजकर पंचायतीराज संस्थान व नगर निकाय संस्था के अंतर्गत प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में मूल कोटि व स्नातक कोटि के शिक्षक के रिक्त पदों की जानकारी मांगी है.

छात्रों की संख्या बढ़ी, पद पुराने ही रह गये

प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में बरसों पहले पद स्वीकृत हुए थे, उसी के आधार पर विद्यालय चल रहे हैं. छात्रों की संख्या बढ़ने के बाद भी नये पद नहीं मिले. कई विद्यालयों में तो स्वीकृत पद के बराबर शिक्षक भी नहीं हैं. इसे देखते हुए विभाग ने सातवें चरण की रिक्ति में तीसरी कैटेगरी जोड़ी है. निदेशक प्राथमिक शिक्षा ने कहा है कि विद्यालयवार छात्रों की संख्या और शिक्षकों के पद के आधार पर यदि आवश्यकता हो, तो उसकी भी रिपोर्ट जोड़ कर भेजें.

छठवें चरण के रिक्त दो हजार से अधिक पद भी जुड़ेंगे

सातवें चरण के लिए 31 मार्च, 2022 तक सेवानिवृत्ति, त्यागपत्र या सेवामुक्ति के कारण रिक्त पदों की गणना की जानी है. इससे पहले छठवें चरण के लिए वर्ष 2019-20 में विज्ञापन जारी हुआ था, जिसमें मार्च 2019 तक की रिक्ति जोड़ी गयी थी. छठवें चरण में करीब साढ़े चार हजार पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी की गयी. हालांकि इस साल मार्च में शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया जा सका. चार चक्र की काउंसेलिंग के बाद दो हजार से अधिक पद खाली रह गये. विभाग ने सातवें चरण की रिक्ति में छठवें चरण के रिक्त पदों को भी जोड़ने का निर्देश दिया है.

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