पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ का चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों ने मतदान से एक दिन पहले अपनी तिजोरी खोल दी.कॉलेज से लेकर छात्रावास के आस पास तक के होटल से लेकर ठेला तक को प्रत्याशियों ने बुक कर लिया है. वोटरों को नाश्ता से लेकर खाने तक में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए प्रत्याशियों ने हर ठेला पर अपने कार्यकर्ता भी छोड़ दिए हैं. रेस्टोरेंट का भी कुछ यही हाल है.पटना विश्वविद्यालय के छात्र और छात्राओं ने व्यवस्था देखकर कहा कि पिछले एक सप्ताह से हम लोग खाते खाते परेशान हो गए. लेकिन, प्रत्याशी अभी भी हम लोगों के अतिथि सत्कार में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. वोट किसे देंगी? इसपर छात्राओं ने कहा हमने पहले ही तय कर लिया है वोट किसे देना है.इसलिए अभी खाना खाने दीजिए.
दरअसल, पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के लिए नामांकन करने के बाद से ही प्रत्याशियों ने अपनी तिजोरी खोल दी थी.खाने से लेकर नाश्ता तक के लिए छात्र और छात्राओं को अपनी जेब में हाथ डालने की कोई जरुरत नहीं पड़ी.मतदान से एक दिन पहले छात्र नेता खाना खिलाने के साथ साथ उनसे मदद की गुहार करते दिखे. छात्राओं को जरुरत पड़ने पर सहयोग करने का अश्वासन देते नजर आए.एक पद के लिए कई दावेदार हैं. पिछले कई दिनों से वोट के लिए हर किसी की अपील से छात्रायें अब परेशान दिखी. छात्राओं ने कहा भी हम लोगों को पता होता चुनाव में हम लोगों को इस प्रकार से वोट के लिए कहा जायेगा तो हम पटना छोड़कर अपने घर चले जाते. अब हम लोग इनकी अपील सुनते सुनते परेशान हो गए हैं. मन कर रहा है कि जल्दी से वोटिंग हो हम लोगों को इस प्रकार की परेशानी से मुक्ति मिले.
पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ का चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों की नजर मगध महिला कॉलेज और पटना वीमेंस कॉलेज पर ज्यादा है.दोनों कॉलेज लड़कियों का है और यहां पर वोटिंग प्रतिशत भी सबसे ज्यादा रहता है.यही कारण छात्र नेता अपनी पूरी ताकत इन दोनों कॉलेजों पर ज्यादा लगा रहे हैं.बताते चलें कि सिर्फ पटना वीमेंस कॉलेज में 5200 वोटर हैं. यहां पर वोटिंग करने पर छात्रों को कॉलेज की ओर से चार अटेंडेंस मिलते हैं. यही कारण है कि यहां पर 80 से 90 प्रतिशत वोटिंग होती है.