पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में इस बार अध्यक्ष पद के लिए आठ उम्मीदवार मैदान में हैं. चुनाव के साथ ही चुनावी वादों की भी शुरुआत हो गयी है. अब कोई पटना को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा दिलाने की बात कह रहा है, तो किसी की घोषणा में इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार करने की बात कही गयी है. कोई कॉलेज में प्रोफेसरों की कमी पूरा करने, तो कोई कैंपस में कानून व्यवस्था बहाल रखने की बात कर रहा है. आइए जानते है सबसे वादों की पड़ताल करती रिपोर्ट…
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कॉलेज कैंपस में अनुशासन का माहौल स्थापित करना हमारी पहली प्राथमिकता होगी. – आनंद मोहन, जद(यू)
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पटना विश्वविद्यालय को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जादिलाने के लिए छात्र परिषद पूरी कोशिश करेगी. – दीपांकर, जन अधिकार छात्र परिषद
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प्रोफेसर और कर्मचारियों के खाली पदोंं पर नियुक्ति कराना प्रार्थमिकता होगी. इसके साथ ही लैब की स्थिति में सुधार और सेंट्रल लाइब्रेरी को 24 घंटे खोलने के लिए आवाज बुलंद करेंगे. – आदित्य रंजन, आइसा
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कॉलेजोंं में प्रोफेसर की कमी को पूरा कराना हमारी पहली प्राथमिकता होगी. कॉलेज में विभिन्न विषयों का अपना विभाग बनाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन से अनुरोंध करेंगे. – साकेत कुमार, छात्र राजद
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कैंपस में विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए बाहरी लोगोंं के प्रवेश पर रोक लगाने का प्रशासन से अनुरोध करेंगे. – शाश्वत शेखर, एनएसयूआइ
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कॉलेजों में बेहतर प्लेसमेंट के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की जायेगी. मेडिकल फैसिलिटी और प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार के लिए हर संभव कोशिश की जायेगी. – मानसी झा, एनएसयूआइ
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सेंट्रल लाइब्रेरी में नयी किताबों की व्यवस्था कराने के साथ ही लाइब्रेरी को 24 घंटे खोलने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन से अनुरोध करेंगे. – प्रगती राज, एबीवीपी
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पटना लॉ कॉलेज से मृत्युंजय कुमार, पटना ट्रेनिंग से राज किशोर व वीमेंस ट्रेनिंग कॉलेज से शालू कुमारी निर्विरोध निर्वाचित घोषित किये जायेंगे. निर्विरोध निर्वाचन की घोषणा 19 नवंबर को की जायेगी.