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BRABU के कुलपति समेत चार पर FIR के विरोध में उतरे छात्र-शिक्षक, यूनिवर्सिटी-कॉलेज में तालाबंदी, परीक्षा स्थगित

शिक्षक-कर्मचारियों की हड़ताल के कारण शुक्रवार को होने वाली तीन परीक्षाएं स्थगित कर दी गयीं. वहीं शनिवार से हाेने वाली स्नातक तृतीय वर्ष की प्रायोगिक परीक्षा को भी अगले आदेश तक टाल दिया गया है.

मुजफ्फरपुर स्थित बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी, कुलसचिव प्रो संजय कुमार, वित्त पदाधिकारी विनोद कुमार व वित्तीय सलाहकार जय प्रकाश शर्मा के खिलाफ दर्ज एफआईआर के मामले ने तूल पकड़ लिया है. इसके विरोध में शिक्षक व कर्मचारी संगठनों के साथ ही विभिन्न छात्र संगठनों ने भी एकजुटता दिखाते हुए शुक्रवार को विश्वविद्यालय मुख्यालय पर प्रदर्शन किया. विश्वविद्यालय मुख्यालय के साथ ही पीजी विभाग और सभी कॉलेजों में तालाबंदी हो गयी. शिक्षक संगठन बूटा व बुस्टा ने बैठक कर कार्रवाई वापस होने तक सभी काम ठप करने का निर्णय लिया, जिसका समर्थन कर्मचारी संघ ने भी किया.

एफआईआर को शिक्षक संगठनों ने बताया स्वायत्तता पर हमला

उच्च शिक्षा निदेशक के आदेश पर क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक डॉ देवेंद्र कुमार ने वित्तीय अनियमितता के मामले में एफआईआर दर्ज कराई है. शिक्षक संगठनों ने इसे विश्वविद्यालय की स्वायत्तता पर हमला बताते हुए विरोध किया है. विश्वविद्यालय गेस्ट हाउस में कुलपति व कुलसचिव के साथ ही सभी अधिकारी व शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधि सहित कर्मचारी भी जुटे. इस दौरान विभिन्न संगठनों ने कार्रवाई वापस होने तक हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया. घंटों विश्वविद्यालय कैंपस में गहमा-गहमी का माहौल बना रहा. इस दौरान छात्र संगठनों ने शिक्षा विभाग व सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की.

हड़ताल के कारण बाधित हुई परीक्षा, वापस लौटे छात्र

शिक्षक-कर्मचारियों की हड़ताल के कारण शुक्रवार को होने वाली तीन परीक्षाएं स्थगित कर दी गयीं. वहीं शनिवार से हाेने वाली स्नातक तृतीय वर्ष की प्रायोगिक परीक्षा को भी अगले आदेश तक टाल दिया गया है. परीक्षा नियंत्रक डाॅ. टीके डे ने बताया कि शुक्रवार को पीजी सत्र 2021-23 की तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा थी. वहीं एमएड का आखिरी पेपर और बीए-बीएड की परीक्षा भी थी. इन परीक्षाओं को हड़ताल के कारण स्थगित करना पड़ा. इस कारण परीक्षा देने विभिन्न जिलों से पहुंचे छात्रों को वापस लौटना पड़ा. शिक्षक, कर्मचारी और छात्र संगठनों ने प्राथमिकी के विरोध में एकजुटता दिखाई है. इसको देखते हुए शनिवार से होने वाली स्नातक तृतीय वर्ष की प्रायोगिक परीक्षा को भी अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है. सभी पीजी विभागों और काॅलेजों में कक्षाओं का संचालन भी ठप रहा. कुछ काॅलेजों में सुबह में कक्षाएं संचालित हुई, लेकिन 11 बजे के बाद संघ के आवाहन पर कालेज भी बंद हो गये.

टैबुलेशन और मूल्यांकन कार्य भी बाधित

शिक्षक-कर्मियों की हड़ताल के कारण शुक्रवार से अगले आदेश तक विश्वविद्यालय ने सभी परीक्षाओं के टैबुलेशन और काॅपियों के मूल्यांकन का काम भी रोक दिया है. 31 अक्तूबर को विश्वविद्यालय को दर्जन भर से अधिक वोकेशनल और प्रोफेसनल कोर्स की परीक्षाओं का परिणाम देना है. वहीं स्नातक व पीजी की परीक्षाएं समाप्त हुई हैं. उनकी काॅपियों की भी जांच कर इसी महीने परिणाम जारी करना है. आंदोलन में संबद्ध कॉलेजों के शिक्षक भी साथ आ गये हैं, जिसके कारण मूल्यांकन व टेबुलेशन का काम भी ठप हो गया.

बूटा-बुस्टा की संयुक्त संघर्ष समिति की आमसभा आज

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (बूटा) व बीआरए बिहार विश्वविद्यालय सेवा शिक्षक संघ (बुस्टा) संयुक्त संघर्ष समिति की तात्कालिक बैठक हुई. इसमें विश्वविद्यालय की स्वायत्तता पर शिक्षा विभाग के अनपेक्षित अतिक्रमण व हस्तक्षेप और द्वेषपूर्ण कारवाई पर क्षोभ प्रकट किया गया. बैठक में विश्वविद्यालय की स्वायत्तता में शिक्षा विभाग के दैनंदिन अनपेक्षित हस्तक्षेप एवं कार्रवाई के विरोध पर विचार किया गया और शनिवार को विश्वविद्यालय के नवीन परीक्षा भवन में विश्वविद्यालय की स्वायत्तता को अक्षुण्ण रखने के संबंध में आगे की रणनीति व शिक्षकों की लंबित मांगों पर विचार के लिए संयुक्त आमसभा 11 बजे बुलायी गयी है.

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छात्र संगठनों ने भी दिया समर्थन

कुलपति सहित अन्य पदाधिकारियों पर हुए मुकदमे को लेकर संयुक्त छात्र संगठन के बैनर तले एआइएसएफ के जिलाध्यक्ष महिपाल ओझा, छात्र लोजपा (रा) के प्रदेश प्रधान महासचिव गोल्डेन सिंह और छात्र हम के संकेत मिश्रा ने कुलपति से मिल कर उच्च शिक्षा निदेशक के फैसले पर अपना विरोध जताया. छात्र नेताओं ने कहा कि यह फैसला पूर्णतः असंवैधानिक है. लगातार विश्वविद्यालय की स्वायत्तता पर हमला, बिना विश्वविद्यालय का पक्ष सुने तुगलकी फरमान और फिर द्वेष की भावना से मुकदमे के आदेश को गैर जिम्मेदाराना बताया.

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