Bihar: डिग्री पार्ट-3 में फेल छात्रों को दिया जाएगा अधिकतम 7 अंक, परीक्षा परिषद की बैठक में लिए गए निर्णय
जांच के क्रम में समिति ने संबंधित विषयों के अवलोकन के क्रम में विशषज्ञों ने पाया कि मूल्यांकन कार्य अत्यधिक संतोषजनक एवं उदारतापूर्वक संपादित किया गया है. किसी भी छात्र को उनके उत्तर की तुलना में किसी भी तरह से कम अंक नहीं दिये गये हैं.
दरभंगा. कुलपति प्रो. एसपी सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को विश्वविद्यालय परीक्षा परिषद् की बैठक हुई. इसमें छात्र हित में कई निर्णय लिए गये. स्नातक तृतीय खंड के विज्ञान तथा वाणिज्य विषयों के परीक्षाफल से असंतुष्ट छात्रों के आवेदन के आलोक में कुलपति द्वारा गठित समिति की अनुशंसा की समीक्षा की गयी. जांच के क्रम में समिति ने संबंधित विषयों के विशषज्ञों से छात्रों के आवेदन के आलोक में उनकी उत्तरपुस्तिकाओं का अवलोकन कराया.
मूल्यांकन कार्य अत्यधिक संतोषजनक
अवलोकन के क्रम में विशषज्ञों ने पाया कि मूल्यांकन कार्य अत्यधिक संतोषजनक एवं उदारतापूर्वक संपादित किया गया है. किसी भी छात्र को उनके उत्तर की तुलना में किसी भी तरह से कम अंक नहीं दिये गये हैं. इस कारण ही परीक्षाफल का प्रतिशत बेहतर रहा. स्नातक विज्ञान में औसतन 85.5 प्रतिशत परीक्षार्थी सफल हुए, जिसमे 57.5 प्रतिशत प्रथम श्रेणी एवं 28 प्रतिशत द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण हुए हैं.
कोविड महामारी को ध्यान में रखते हुए लिया गया निर्णय
स्नातक वाणिज्य में औसतन 95.8 प्रतिशत परीक्षार्थी सफल हुए, जिसमे 43.5 प्रतिशत प्रथम एवं 52.8 प्रतिशत द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण हुए हैं. इतने अच्छे परीक्षाफल के बावजूद परीक्षा परिषद् ने व्यापक छात्रहित में निर्णय लिया कि कोविड महामारी को ध्यान में रखते हुए ट्रांजिटरी रेगुलेशन का उपयोग करते हुए अधिकतम सात अंक आवश्यकतानुसार प्रदान करते हुए अनुत्तीर्ण छात्रों का परीक्षाफल पुनः प्रकाशित किया जाय.
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परीक्षाफल में संशोधित करने का निर्णय
वहीं डब्ल्यूआइटी के पंचम सेमेस्टर (2017-21) तथा सप्तम सेमेस्टर (2018 -22) के आइटी कोर्स के परीक्षाफल में भी इसी अनुरूप परीक्षाफल संशोधित करने का निर्णय हुआ. परीक्षा परिषद ने एनसीसीएफ डाटा सेंटर की कार्य प्रणाली एवं विश्वविद्यालय के साथ उसके असहयोगात्मक रवैये तथा छात्रों में बेवजह भ्रम फैलाने के आचरण की भर्त्सना की.