नये साल पर बिहार के छात्र डिजिटल यूनिवर्सिटी में करेंगे पढ़ाई, जानें क्या है यूजीसी का प्लान
नये साल 2023 में देश को डिजिटल यूनिवर्सिटी के साथ कई नये तोहफे मिलेंगे. इस पर यूजीसी काम कर रहा है. 2022 में उच्च शिक्षा में कई बदलाव के लिए यूजीसी ने पहल की है.
अनुराग प्रधान, पटना: नये साल 2023 में देश को डिजिटल यूनिवर्सिटी के साथ कई नये तोहफे मिलेंगे. इस पर यूजीसी काम कर रहा है. 2022 में उच्च शिक्षा में कई बदलाव के लिए यूजीसी ने पहल की है. यूजीसी के अध्यक्ष प्रो एम जगदीश कुमार ने कहा कि देश की सभी यूनिवर्सिटियों में डिजिटल यूनिवर्सिटी सहयोगी के रूप में काम करेंगी.
ऑनलाइन एडमिशन होगा
डिजिटल यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स ऑनलाइन एडमिशन लेंगे. ऑनलाइन पढ़ाई स्वयं व अन्य माध्यम से होगी. इसके साथ एग्जाम भी ऑनलाइन होगा. नये साल में देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में राष्ट्रीय उच्च शिक्षा योग्यता ढांचा (एनएचइक्यूएफ) लागू किया जायेगा. यह उच्च शिक्षा में व्यावसायिक शिक्षा के एकीकरण को आसान बनाने के लिए विकास, वर्गीकरण और योग्यता की मान्यता के लिए एक साधन होगा.
नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क को किया जाएगा लागू
नये साल में नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) भी लागू किया जायेगा. सभी यूनिवर्सिटी एबीसी (एकेडमिक क्रेडिट बैंक) पर रजिस्ट्रेशन करेंगे. इसके साथ 2023 में विदेशी संस्थानों को भारत में अपने परिसर खोलने की इजाजत दी जायेगी. इससे भारतीय स्टूडेंट्स को कम दामों में विदेशी शिक्षा अपने देश में ही मिल जायेगी. इसके अलावा भारतीय संस्थानों को भी विदेश में अपने परिसर खोलने की मंजूरी दी जायेगी.
अधिक-से-अधिक शिक्षण संस्थानों को मिलेगी स्वायत्तता
प्रो. कुमार ने कहा कि नये साल में देश के प्राचीन ज्ञान को युवाओं तक पहुंचाया जायेगा. हमारे प्राचीन ग्रंथों में हर क्षेत्र का ज्ञान मौजूद है. इसके साथ ही भारतीय ज्ञान परंपरा को लेकर शिक्षकों का प्रशिक्षण भी कराया जायेगा. 2023 में शिक्षकों की पदोन्नति के नियमन में संशोधन करके पदोन्नति की प्रक्रिया को तेज किया जायेगा. इसके अलावा स्वायत्त कालेजों के नियमों में बदलाव कर के अधिक से अधिक संस्थाओं को स्वायत्त किया जायेगा. अगले साल निजी विश्वविद्यालय नियमन में भी बदलाव होगा.