पटना . प्रदेश के डीएलएड और बीएड ट्रेनिंग कॉलेजों के विद्यार्थी प्रशिक्षण कोर्स करने के साथ किसी अन्य प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग नहीं कर सकेंगे. इसके लिए उनसे लिखित में लिया जायेगा. अगर वे ऐसा करते हैं, तो परीक्षा फार्म भरने से वंचित कर दिया जायेगा. शिक्षा विभाग ने इस संदर्भ में एक विशेष गाइडलाइन बना दी है. शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक डॉ विनोदानंद झा के हस्ताक्षर से इस आशय के दिशा निर्देश प्रदेश के माध्यमिक, प्राथमिक, क्षेत्रीय उप शिक्षा निदेशक और जिला शिक्षा अधिकारियों से कह दिया गया है.
जारी गाइडलाइन में विद्यार्थियों को दो टूक बता दिया गया है कि वे अनिवार्य तौर पर क्लास करें. फुल टाइम टीचिंग कोर्स होने की वजह से इस दौरान वह कोई दूसरी पढ़ाई नहीं कर सकेंगे. उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती है. साथ ही विद्यार्थियों के लिए 85 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य कर दी गयी है. इससे कम पर उनकी परीक्षा नहीं ली जायेगी. इस तरह निदेशालय ने पूरी सख्ती के साथ इस गाइडलाइन के पालन के लिए रणनीति भी बनायी है. इस तरह आठ से बारह हजार शिक्षक प्रशिक्षणार्थियों के लिए एक नयी व्यवस्था लायी गयी है.
क्या कहते हैं अधिकारी
निदेशक डॉ विनोदानंद झा ने कहा कि विभाग ने पाया कि विद्यार्थी क्लास नहीं करते. वह दूसरी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं. लिहाजा उपस्थिति अनिवार्य की जा रही है. साथ ही प्रशिक्षण अवधि में कोचिंग करने आदि पर भी पाबंदी लगायी जा रही है. इसे सख्ती से लागू किया जायेगा.