पटना. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि आयुष चिकित्सा को बढ़ावा देने को लेकर राज्य सरकार द्वारा काम शुरू किया गया है. इसी दिशा में बंद पड़े दरभंगा, भागलपुर और बक्सर के आयुर्वेदिक कॉलेजों में फिर से पढ़ायी शुरू करायी जायेगी. इसके लिये प्रयास तेज कर दिये गये हैं. इसके साथ ही आयुष पद्धिति से इलाज के लिए पटना और गोपालगंज में 50-50 बेड की क्षमता के आयुष अस्पताल स्थापित किया जायेगा.
स्वास्थ्य मंत्री श्री पांडेय ने बताया कि राजधानी के पटना सिटी स्थित नवाब मंजिल में आयुष अस्पताल का निर्माण शुरू हो गया है. इसका निर्माण कार्य डेढ़ साल में पूरी होने की संभावना है. यहां पर आयुर्वेद , होमियोपैथी, यूनानी और योगा पद्धति से इलाज किये जायेगा.
केंद्र सरकार के सहयोग से गोपालगंज में आयुष अस्पताल खोलने की तैयारी है. आयुर्वेदिक, होमियोपैथी और यूनानी चिकित्सा कालेजों की शैक्षिक और आधारभूत संरचना की कमियों को दूर करने की दिशा में कार्रवाई की जा रही है. इसमें बेगूसराय और दरभंगा के राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालयों में दो नये भवन बनाये जायेंगे.
मुजफ्फरपुर स्थित राय बहादुर टुनकी साह शासकीय होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल के परिसर में भी एक नया भवन बनाया जायेगा. उन्होंने बताया कि आयुर्वेद और यूनानी कॉलेजों में स्नातक (यूजी) सीटों की संख्या भी बढ़ायी गयी है.
राजकीय यूनानी मेडिकल कॉलेज में यूजी सीटों की संख्या 40 से बढ़ाकर 125 कर दी गयी है और पांच अलग-अलग विषयों में स्नातकोत्तर (पीजी) की पढ़ायी शुरू की गयी है. स्वास्थ्य केंद्रों पर आयुष डॉक्टरों और जीएनएम की तैनाती की प्रक्रिया भी प्रारंभ की गयी है. सूबे में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और वेलनेस सेंटर पर भी आयुर्वेदिक इलाज की सुविधा मरीजों को दी जायेगी.
Posted by Ashish Jha