कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि में पढ़ना हुआ महंगा, शुल्कों में हुई 50 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी

कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण करना अब महंगा हो गया है. विश्वविद्यालय ने सभी तरह के शुल्क में 20 से 50 प्रतिशत तक की वृद्धि कर दी है. लगभग एक दशक के बाद शुल्कों का पुनर्निधारण किया गया है. अब छात्रों को यहां नामांकन के लिए आवेदन का शुल्क भी अदा करना होगा.

By Prabhat Khabar News Desk | July 30, 2021 11:55 AM

दरभंगा. कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण करना अब महंगा हो गया है. विश्वविद्यालय ने सभी तरह के शुल्क में 20 से 50 प्रतिशत तक की वृद्धि कर दी है. लगभग एक दशक के बाद शुल्कों का पुनर्निधारण किया गया है. अब छात्रों को यहां नामांकन के लिए आवेदन का शुल्क भी अदा करना होगा.

बता दें कि अब तक नि:शुल्क आवेदन-पत्र मिला करता था. अब उपशास्त्री, शास्त्री एवं आचार्य में नामांकन के लिये 100 रुपया आवेदन शुल्क लगेगा. यह शुल्क सत्र 2021-23 से प्रभावी होगा. यह निर्णय गुरुवार को कुलपति प्रो. शशि नाथ झा की अध्यक्षता में हुई वित्त समिति की बैठक में लिया गया. नामांकन समिति इसकी पहले ही अनुशंसा कर चुकी थी.

उपशास्त्री के नियमित छात्रों को परीक्षा फॉर्म भरने में लगेंगे 1100 रुपये

उपशास्त्री के नियमित छात्रों को परीक्षा फॉर्म भरने में अब 1100 तथा प्राइवेट से 1600 रुपये लगेगा. शास्त्री (प्रतिष्ठा/ सामान्य) प्रथम खंड में नियमित को 800, प्राइवेट को 1400, द्वितीय खंड में नियमित को 800, प्राइवेट को 1500 तथा तृतीय खंड में नियमित को 1000 एवं प्राइवेट से 1600 रुपया देना होगा.

आचार्य प्रथम खंड में 1034 तथा द्वितीय खंड में 1242 रुपए फीस लगेगा. शास्त्री एवं आचार्य के नामांकित छात्रों का पंजीयन शुल्क 300 कर दिया गया है. साथ ही यह भी अनुशंसा की गयी है, कि एक या दो पत्रों का परीक्षा फार्म भरने के लिये भी छात्रों को पूरा शुल्क देना होगा.

बजट निर्माण को वित्त समिति ने दी हरी झंडी

बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट निर्माण की हरी झंडी वित्त समिति ने दे दी. इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार से प्राप्त दिशा-निर्देश के आलोक में बजट निर्माण का कार्य शुरू किया जाये. काॅलेजों को पत्र भेज कर प्रधानाचार्यों से आय-व्यय का ब्योरा मांगा जाए. अन्यान एजेंडा के तहत कॉलेजों में संचालित सभी खाते का ब्यौरा-मद एवं उपलब्ध राशि की जानकारी मांगी जाएगी.

दीक्षांत समारोह पर खर्च होगा 40 लाख

दीक्षांत समारोह के लिए 40 लाख रुपए, नैक निरीक्षण के लिए 75 लाख रुपये तथा संस्कृत सप्ताह के लिये 50 हजार रुपये प्रस्तावित व्यय की अनुशंसा की गई. विवि एवं काॅलेजों के आंतरिक श्रोत से आय बढ़ाने पर भी चर्चा हुई. बैठक में कुंवरजी झा, सुनील भारती, पंकज मोहन झा, वित्त परामर्शी कैलाश राम, कुलानुशासक प्रो. श्रीपति त्रिपाठी, वित्त पदाधिकारी रतन कुमार आदि मौजूद थे.

बढ़ेगा आर्थिक बोझ

बीएड के दोनों खंडों में परीक्षा शुल्क 2500- 2500 रुपये जमा करना होगा. आयुर्वेद प्रथम एवं द्वितीय व्यावसायिक में 3500-3500 रुपये, तृतीय व्यावसायिक में 4600 तथा चतुर्थ व्यावसायिक में 6000 परीक्षा शुल्क देना होगा. एमडी प्रथम एवं द्वितीय व्यावसायिक का परीक्षा शुल्क 30 हजार रुपये कर दिया गया है.

इसके अलावा पीएचडी का शोध प्रबंध मूल्यांकन शुल्क आठ हजार से बढ़ाकर 12 हजार तथा डीलिट् का 10 हजार से बढ़ाकर 15 हजार किया गया है. पीएचडी एवं डीलिट का पंजीयन शुल्क 2500 से 4000 रुपये बढ़ा दिये गये हैं.

Posted by Ashish Jha

Next Article

Exit mobile version