सुबोध नंदन तीसरी बार राहुल सांकृत्यायन पर्यटन पुरस्कार पाने वाले देश के पहले लेखक बने
सुबांध नंदन की तीनों पुस्तकों का प्रकाशन प्रभाता प्रकाशन, नयी दिल्ली की ओर से किया गया है. इससे पहले सुबोध नंदन को उनकी पहली पुस्तक 'बिहार के पर्यटन स्थल और सांस्कृतिक धरोहर' को राहुल सांकृत्यायन पर्यटन पुरस्कार योजना (वर्ष 2009-10) के तहत प्रथम पुरस्कार मिला था.
* नंदन को उनकी किताब ‘बिहार के ऐतिहासिक गुरुद्वारे’ के लिए पुरस्कार
* इससे पूर्व ‘बिहार के पर्यटन स्थल और सांस्कृतिक धरोहर’ और ‘बिहार के मेले’ को मिल चुका है पुरस्कार
बिहार के पत्रकार सुबोध कुमार नंदन लगातार तीसरी बार राहुल सांकृत्यायन पर्यटन पुरस्कार पाने वाले देश के पहले और एकमात्र लेखक बन गये हैं. उनकी तीसरी पुस्तक ‘बिहार के ऐतिहासिक गुरुद्वारे’ को पर्यटन मंत्रालय की ओर से राहुल सांकृत्यायन पर्यटन पुरस्कार योजना ( वर्ष 2019-20) के तहत तृतीय पुरस्कार मिला है.
पुरस्कार के रूप में सुबोध नंदन को दिये गये 20 हजार रुपये और प्रमाण पत्र
लगातार तीसरी बार पुरस्कार पाने वाले देश के पहले व एकमात्र लेखक सुबोध नंदन को पुरस्कार के रूप 20 हजार रुपये के साथ प्रमाण-पत्र दिया गया है.
तीनों पुस्तकों का प्रकाशन प्रभात प्रकाशन (नयी दिल्ली) ने किया
सुबांध नंदन की तीनों पुस्तकों का प्रकाशन प्रभाता प्रकाशन, नयी दिल्ली की ओर से किया गया है. इससे पहले सुबोध नंदन को उनकी पहली पुस्तक ‘बिहार के पर्यटन स्थल और सांस्कृतिक धरोहर’ को राहुल सांकृत्यायन पर्यटन पुरस्कार योजना (वर्ष 2009-10) के तहत प्रथम पुरस्कार मिला था. वहीं दूसरी पुस्तक ‘बिहार के मेले’ को( वर्ष 2011-12 ) में इसी योजना के तहत सांत्वना पुरस्कार मिला था. उस वर्ष उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशांक को उनकी पुस्तक ‘हिमालय का महाकुंभ नंदा राजजात’ को प्रथम पुरस्कार मिला था. इससे पूर्व पर्यटन के क्षेत्र में बढ़ावा व जागरुकता पैदा करने के लिए वर्ष 2003 में नंदन को बिहार सरकार ने पर्यटन सम्मान प्रदान किया था.