बिहार में नाबालिगों के खिलाफ यौन अपराधों में तेजी से वृद्धि, मानव तस्करी के मामले भी बढ़े

सितंबर और अक्टूबर में भी नाबालिगों, खासकर बच्चियों के खिलाफ मामले अधिक दर्ज हुए हैं. अगस्त तक 2023 में मामले 2022 की तुलना में अधिक थे, जब पुलिस ने पोक्सो अधिनियम के तहत औसतन 149 मामले दर्ज किए थे.

By Ashish Jha | October 17, 2023 4:49 PM

पटना. बिहार में नाबालिग बच्चों के खिलाफ यौन अपराध बढ़ रहे हैं. राज्य पुलिस इस साल अगस्त से हर महीने औसतन 160 मामले दर्ज कर रही है. पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामलों के बारे में विस्तार से बताते हुए एडीजी, मुख्यालय, जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि 31 अगस्त तक बिहार में 1,283 मामले दर्ज किए गए. उन्होंने यह भी कहा कि 1,132 मामलों में आरोप पत्र दायर किए गए और 490 पीड़ितों को मुआवजा दिया गया है.

नाबालिगों, खासकर बच्चियों के खिलाफ अधिक मामले दर्ज

सितंबर और अक्टूबर में भी नाबालिगों, खासकर बच्चियों के खिलाफ मामले अधिक दर्ज हुए हैं. अगस्त तक 2023 में मामले 2022 की तुलना में अधिक थे, जब पुलिस ने पोक्सो अधिनियम के तहत औसतन 149 मामले दर्ज किए थे. बिहार के 45 पुलिस जिलों में से 38 में पुलिस ने कुल 1,794 मामले दर्ज किए हैं. हालांकि, गंगवार ने यह भी दावा किया कि राज्य पुलिस ने 1,552 मामलों में आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया और 889 पीड़ितों को मुआवजा दिया गया. 2021 में पोक्सो एक्ट के तहत मामले प्रति माह औसतन 125 थे, गंगवार ने कहा कि राज्य के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में कुल 1,508 मामले दर्ज किए गए और 1,213 मामलों में आरोप पत्र दायर किए गए। 995 पीड़ितों को मुआवजा दिया गया.

मानव तस्करी और बाल श्रमिकों के मामले भी बढ़ रहे हैं

इस वर्ष मानव तस्करी और बाल श्रमिकों के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। बिहार पुलिस ने इस साल सितंबर तक हर महीने औसतन 22 मामले दर्ज किए. एडीजीपी ने कहा कि पिछले 9 महीनों में बिहार में मानव तस्करी के कुल 198 मामले दर्ज किए गए. गंगवार ने कहा कि हमने इस अवधि के दौरान 215 पुरुष और 102 महिला पीड़ितों को बचाया है. पुरुष पीड़ितों की तस्करी आमतौर पर मजदूरों की नौकरी के लिए की जाती है और उनमें से अधिकांश नाबालिग लड़के हैं, जबकि महिलाओं की तस्करी देह व्यापार और घरेलू मदद जैसी अन्य गतिविधियों के लिए की गई थी.

बिहार पुलिस ने हर महीने औसतन 17 एफआईआर दर्ज कीं

2022 में, बिहार पुलिस ने प्रति माह औसतन 17 एफआईआर दर्ज की, जिससे कुल 207 हो गए. पुलिस ने 507 पुरुषों और 152 महिलाओं को मानव तस्करों के चंगुल से बचाया. 2021 में, बिहार पुलिस ने 12 महीनों में संबंधित धाराओं के तहत 111 एफआईआर दर्ज कीं या हर महीने 9 मामले दर्ज किए गए. राज्य पुलिस ने 331 पुरुषों और 149 महिलाओं को मानव तस्करों के चंगुल से बचाया. 2020 में, 12 महीनों में मामले केवल 75 थे, जिसमें 247 पुरुषों और 102 महिलाओं को बचाया गया था.

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पटना में 14 साल की लड़की से सामूहिक दुष्कर्म

30 सितंबर को पटना के बाहरी इलाके के एक गांव में 6 लोगों ने 14 साल की एक लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार किया. पीड़िता शौच के लिए बाहर गई थी, तभी एक युवक ने उसका अपहरण कर लिया और अपने 5 दोस्तों को बुला लिया. वे एक खेत में ले गए थे, जहां उन्होंने शराब पी और नशे की हालत में यहां बारी-बारी से यौन उत्पीड़न किया. यौन क्रूरता के बाद पीड़िता बेहोश हो गई और आरोपी उसे लावारिस छोड़कर वहां से भाग गया.

भागलपुर 7वीं क्लास की बच्ची से सामूहिक दुराचार

28 अगस्त को, भागलपुर में पुलिस ने 7वीं कक्षा की एक लड़की से तीन दिनों तक सामूहिक बलात्कार करने के आरोप में 6 लोगों को गिरफ्तार किया. पीड़िता के बयान के मुताबिक, वह अपने दोस्त से मिलने गई थी, लेकिन आरोपी ने उसे बीच रास्ते से ही अगवा कर लिया. वे उसे एक कमरे में ले गए और दो दिनों तक बंधक बनाए रखा और बारी-बारी से उसके साथ बलात्कार किया. वारदात को अंजाम देने के बाद उन्होंने स्थान बदल लिया और उसके साथ भी दरिंदगी की.

नाबालिग की बलात्कार के बाद हत्या

25 अगस्त को बिहार के समस्तीपुर जिले में एक नाबालिग किशोरी के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई. किशोरी को एक युवक ने बहला-फुसलाकर ले गया, दुष्कर्म किया और जबरन जहर खिला दिया. पीड़िता मुफस्सिल थाने के अंतर्गत आने वाले अपने ही गांव में घटनास्थल पर बेहोश पाई गई थी. पीड़िता के परिजनों ने उसे सदर अस्पताल समस्तीपुर में भर्ती कराया जहां डॉक्टरों ने बेहतर इलाज के लिए पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (पीएमसीएच) रेफर कर दिया. 28 अगस्त को इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया.

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