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सुधाकर सिंह ने फिर लांघी सीमा, कहा- ‘शिखंडी’ होना स्वीकार हुआ तभी गठबंधन करने आये नीतीश कुमार

सुधाकर सिंह ने कहा कि यह संज्ञा राजद की ओर से आधिकारिक तौर पर कई वर्षों पहले ही नीतीश कुमार को दी जा चुकी है, उसे सहर्ष स्वीकारने के बाद ही नीतीश कुमार राष्ट्रीय जनता दल से अपनी सरकार बचाने के लिए सहयोग की गुजारिश करने आये थे.

पटना. नये साल में सुधाकर सिंह के बयानों ने महागठबंधन के अंदर सियासी सरगर्मी बढ़ा दी थी. सुधाकर सिंह लगातार नीतीश कुमार पर निजी स्तर पर अभद्र शब्दों से हमलावर हैं. जदयू के अंदर यह बात कही जा रही है कि राजद ने सुधाकर सिंह को खूली छूट दे रखी है, जबकि राजद इस पूरे मामले में चुप्पी साध रखी है. वैसे शिवानंद तिवारी ने सुधाकर के बयानों की निंदा की है. इधर, सोमवार को कुशवाहा ने सुधाकर सिंह को लेकर जो सवाल तेजस्वी यादव से किए थे, उस पर डिप्टी सीएम की तरफ से जवाब तो नहीं आया, लेकिन मंगलवार को सुधाकर सिंह ने सीधे उपेंद्र कुशवाहा को जवाब दे दिया है, जिसमें उन्होंने एक बार फिर सीमा लांघी है.

मैं नहीं राजद ने आधिकारिक रूप से कहा है शिखंडी  

उपेंद्र कुशवाहा को भेजे लिखित जवाब में सुधाकर सिंह ने बताया है कि आखिर वह किस वजह से उपेंद्र कुशवाहा के फैन बने थे. नीतीश कुमार को शिखंडी कहे जाने पर सुधाकर सिंह ने कहा कि यह संज्ञा राजद की ओर से आधिकारिक तौर पर कई वर्षों पहले ही नीतीश कुमार को दी जा चुकी है, उसे सहर्ष स्वीकारने के बाद ही नीतीश कुमार राष्ट्रीय जनता दल से अपनी सरकार बचाने के लिए सहयोग की गुजारिश करने आये थे.

उपेंद्र को उनके बयानों की याद दिलायी 

राजद के प्रदेश अध्यक्ष के बेटे और विधायक सुधाकर सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा को नये साल की शुभकामना देते हुए लिखा है कि नीतीश कुमार को लेकर आपने जो भविष्यवाणियां पिछले कई वर्षों पहले की थी, वह अब तक सही साबित होती नजर आयी हैं. सुधाकर सिंह ने बताया है कि कैसे कुशवाहा ने नीतीश कुमार की नीतियों का विरोध करते थे. उपेंद्र कुशवाहा को इस बात की याद दिलाई है कि कैसे वह नीतीश कुमार को तानाशाह और अलोकतांत्रिक बताते हुए उनके खिलाफ अभियान छेड़े रखे थे. नीतीश कुमार को शासन से हटाना और बिहार का भविष्य बचाना यह उपेंद्र कुशवाहा का ही नारा था.


दिलायी पुराने मुद्दों की याद 

सुधाकर सिंह ने लिखा है कि आपने बिहार के हितों के लिए कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए हैं. कृषि मण्डी कानून आपकी पार्टी रालोसपा के घोषणा पत्र का प्रमुख हिस्सा था, जिसकी लड़ाई आज भी मैं लड़ रहा हूं. यहां तक कि नीतीश कुमार के कार्यकाल में बिहार के बदहाल शिक्षा व्यवस्था पर आपने आमरण अनशन भी किया था, जिसे हमारे नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने ही आपको जूस पिलाकर खत्म करवाया था.

सुधाकर ने उपेंद्र की खरी पर भी किया तंज 

आपने जब पूरे बिहार में खीर पकाने की बात की तो हमने पुरी तन्मयता के साथ बिल्ली से उस खीर की रक्षा के लिए तैयारी की. मगर हमें क्या पता था कि खुद बाघ ही बिल्ली को खीर की हांडी परोस आयेगा और खीर बनाने वाले को एक चम्मच खीर भी नसीब नहीं होगा. सुधाकर सिंह ने अंत में लिखा है कि कुछ तस्वीर आपसे साझा कर रहा हूं. हो सके तो इसको फ्रेम करवा कर घर में लगवा लिजिए ताकि भविष्य में आपको भी अपनी जिम्मेवारी का एहसास होता रहे.

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