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सुधाकर सिंह ने अपनी ही सरकार के बजट को दिया जीरो नंबर, कहा- किसान के लिए कुछ नहीं

राजद विधायक और पूर्व कृषिमंत्री सुधाकर सिंह ने मंगजवार को विधानसभा में पेश आम बजट को जीरो नंबर दिया है. राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के पुत्र सुधाकर सिंह ने बजट को निराशाजनक और किसान विरोधी बताया है.

पटना. राजद विधायक और पूर्व कृषिमंत्री सुधाकर सिंह ने मंगजवार को विधानसभा में पेश आम बजट को जीरो नंबर दिया है. राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के पुत्र सुधाकर सिंह ने बजट को निराशाजनक और किसान विरोधी बताया है. अपनी ही पार्टी की सरकार पर सवाल उठाते हुए राजद विधायक ने कहा कि इस बजट में किसानों के लिए कुछ भी नहीं है. कृषि को लेकर कोई गंभीर बात नहीं की गयी है.

यह जीरो बजट है, निराशाजनक बजट है

पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने कहा कि यह जीरो बजट है. निराशाजनक बजट है. किसानों को इस बजट में कुछ भी नहीं मिला है. किसान परेशान हैं क्यों कि उन्होंने इस वजह से जो उम्मीद लगा रखी थी, वो पूरी नहीं हो सकी. सुधाकर सिंह ने अपने ही सरकार के बजट पर सवाल उठाते कहा कि हम इस बजट को जीरो नंबर देंगे. यह बजट राजद के घोषणापत्र के अनुरूप नहीं है. राजद ने जो वादा किया था, यह बजट उस वादे को पूरा नहीं कर रहा है. राजद विधायक सुधाकर सिंह ने कहा कि किसानों के लिए यह बजट पूर्णत निराशाजनक है. उन्होंने कहा कि सरकार से मांग करूंगा कि आने वाले वक्त में कृषि को चर्चा में लायें.

कृषि के क्षेत्र में यह बजट फेल है

कृषि के क्षेत्र में यह बजट फेल है. बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस राज्य की 75 प्रतिशत आबादी कृषि पर आश्रित है, लेकिन कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए जो प्रयास होना चाहिए, वो कही भी नहीं दिखा. बजट हताश करने वाला बजट है. सदन के भीतर और पार्टियों का सवाल नहीं है. किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कृषि क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता है, उसके लिए मंडी कानून की जरूरत है. मंडी कानून की चर्चा इस बजट में नहीं है. यह निराशाजनक है. ना ही बाजार को विकसित करने की अलग से कोई फंड देने की बात इस बजट में है. कृषि क्षेत्र में यदि नंबर देना होगा तो हम जीरो नंबर देंगे.

बिहार विधानसभा पार्टियों के लिए नहीं बना

अपने ही सरकार पर सवाल उठाए जाने के सवाल पर सुधाकर सिंह ने कहा कि बिहार विधानसभा पार्टियों के लिए नहीं बना है. यह बिहार की जनता के लिए बना है. पार्टियों की बात सड़क पर होगी. 243 सदस्यों का यह सदन है, जो स्वतंत्र रूप से विधायिका की बुनियादी सिद्धांत है. यह दलीय व्यवस्था का विषय नहीं है. उन्होंने कहा कि वो सदन में जनता के प्रतिनिधि हैं और सदन के अंदर जनता के मुद्दे पर ही बात करेंगे. उन्होंने कहा कि पार्टी का सिद्धांत भी वही है जो मैं बोल रहा हूं.

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