अपने बयानों से सर्दी के इस मौसम में भी बिहार की सियायत को गरम रखने वाले पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा को पत्र लिखा है. पूर्व कृषि मंत्री ने कुशवाहा को याद दिलाया है कि जब वह केंद्र में मंत्री थे तब सीएम नीतीश कुमार के विरोध में क्या- क्या कहते थे. यही नहीं कुशवाहा को उनके बयानों की खबरों की तस्वीर भेजकर फ्रेम करवा कर घर में लगवाने की सलाह भी दी है.
तंज कसते हुए की पत्र की शुरूआत
पत्र की शुरुआत तंज से की है. याद दिलाया है कि कृषि मण्डी कानून रालोसपा के घोषणा पत्र का प्रमुख हिस्सा था. नीतीश कुमार के कार्यकाल में बिहार के बदहाल शिक्षा व्यवस्था पर कुशवाहा का आमरण अनशन और तेजस्वी प्रसाद यादव द्वारा उनको जूस पिलाकर अनशन खत्म कराना याद दिलाया है. सुधाकर लिखते हैं कि आपको (कुशवाहा) जानकर खुशी होगी कि लालू प्रसाद यादव की सामाजिक न्याय की लड़ाई को मजबूत करने वाले आप जैसे योद्धा का मैं पुराना प्रशंसक हूं. विशेष रूप से इस वजह से भी कि कई वर्षों पहले आपने नीतीश कुमार के बारे में जो भी भविष्यवाणीय की थीं वह आज सच साबित हो रहीं है.
कुशवाहा ने सीएम को बताया था तानाशाह और अलोकतांत्रिक: सुधाकर
सुधाकर सिंह ने अपने पत्र में कहा है कि 9 दिसम्बर 2011 को नीतीश कुमार को तानाशाह और अलोकतांत्रिक बताते हुए जनता दल यूनाइटेड से इस्तीफा दे दिया था, उस समय मुझे भी आपके इस वक्तव्य पर आश्चर्य हुआ था मगर आज आपकी दूरदर्शिता पर गर्व महसूस होता है. अंत में लिखा है कि सुविधा के लिए पूर्व में आपके (कुशवाहा) द्वारा दिए गए वक्तव्यों एवं अनुभवों से सम्बन्धित खबरों की कुछ तस्वीर आपसे साझा कर रहा हूं. हो सके तो इसको फ्रेम करवा कर घर में लगवा लीजिये ताकि भविष्य में आपको भी अपनी जिम्मेवारी का एहसास होता रहे.