सुधाकर सिंह ने रविवार को नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में कृषि मंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद बड़ा बयान दिया है. उन्होंने साफ कर दिया है कि उनका बागी तेवर कम नहीं होने वाला है. पूर्व कृषि मंत्री ने एक बार फिर से राज्य सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा है कि मैंने किसानों की समस्या को उठाया तो कुछ लोगों को बुरा लग गया. लेकिन मैं चुप रहने वाला नहीं हूं. मैंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. मगर मेरी लड़ाई अब भी जारी है. जरूरत पड़ी तो इसे लेकर मैं सड़क से लेकर विधानसभा तक संघर्ष करूंगा.
पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह के इस्तीफा देने से एक तरफ बिहार की राजनीति गर्म है. वहीं वो इस्तीफे के अगले दिन किसानों के बीच पहुंच गए. सोमवार को सुधाकर सिंह कैमूर जिले के अधौरा में किसान सभा में लोगों को संबोधित करते हुए राज्य सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठायी. उन्होंने कहा कि वो जो पहले कह रहे थे, उसपर आज भी वो कायम हैं. पूर्व मंत्री ने कहा कि बिहार सरकार के कृषि विभाग में ऊपर से लेकर नीचे तक भ्रष्टाचार व्याप्त है. राज्य का हर किसान परेशान है. मैंने किसानों की समस्याओं को दूर करने की केवल कोशिश की थी.
किसान गोष्ठी में पहुंचे सैकड़ों किसानों ने पूर्व कृषि मंत्री से शिकायत किया कि अधौरा में लूट खसोट चरम पर है. किसानों के लिए आये योजनाओं को सरकारी अफसर लूट ले जा रहे हैं. सभी योजनाओं में भयंकर लूट मची हुई है. जिस महुआ पियार से छह महीने का रोजी रोटी अधौरा वासियों का चलता है उस महुआ पियार पर प्रतिबंध लगा वन विभाग के अधिकारी किसानों पर जुर्म कर रहे हैं और उसे कोई सुनने वाला नहीं है. यहां तक की अधौरा में भ्रष्टाचार का आलम यह है कि किसानों के नाम पर खाता खुलवाकर सरकारी योजनाओं की राशि अधिकारियों द्वारा निकाल ली जा रही है.
किसान सभा को संबोधित करते हुए सुधाकर सिंह ने कहा कि किसानों की समस्या और विभाग में भ्रष्टाचार का विरोध करने से सत्ता में बैठे लोगों की बेचैनी बढ़ जाती है. मगर जमीन पर हकीकत क्या है, जनता को पता है. किसान त्रस्त हैं. विभाग के कर्मचारी और अधिकारी मालिक बन के बैठे हैं. गौरतलब है कि सुधाकर सिंह ने रविवार को इस्तीफा दिया था. उन्होंने अपना इस्तीफा तेजस्वी यादव को भिजवाया था. तेजस्वी यादव ने उस इस्तीफे को नीतीश कुमार को सौंपा. मुख्यमंत्री ने इस इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है. ऐसे में चर्चा है कि सुधाकर सिंह को इस्तीफा देने के लिए लालू यादव और तेजस्वी यादव के द्वारा बोला गया था.