सुधाकर सिंह के बयान से जदयू व राजद के बीच बढ़ी दरार, उपेंद्र कुशवाहा ने तेजस्वी यादव को दिया ये संदेश
पिछले दिनों सुधाकर सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना में कुछ असंसदीय और आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया था. इसके बाद उपेंद्र कुशवाहा ने सीधे तेजस्वी को यह संदेश पहुंचाया है कि वो अपने विधायकों को नियंत्रित करें. ऐसे बयान गठबंधन और उनके भविष्य के लिए भी सही नहीं है.
पटना. प्रदेश राजद अध्यक्ष के पुत्र और पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह के बयानों को लेकर महागठबंधन में एक बार फिर तल्खी दिख रही है. पिछले दिनों सुधाकर सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना में कुछ असंसदीय और आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया था. इसके बाद से ही जदयू की ओर से प्रतिक्रिया की उम्मीद की जा रही थी. सोमवार को नीतीश के खास माने जाने वाले जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने सीधे तेजस्वी को यह संदेश पहुंचाया है कि वो अपने विधायकों को नियंत्रित करें. ऐसे बयान गठबंधन और उनके भविष्य के लिए भी सही नहीं है.
तेजस्वी को लालू-राबड़ी दौर के जंगलराज की याद दिलायी
कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार जैसे मर्द को बिहार की जनता ने 17 वर्षों से सत्ता सौंप रखी है. अब आप ही बताइए, अबतक जनता के आशिर्वाद से राज्य में सबसे अधिक बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने का रिकॉर्ड कायम करने वाले इतने बड़े नेता को कोई ‘नाईट गॉर्ड’ कहे, यह बिहार की समस्त जनता का अपमान नहीं तो और क्या है ? ऐसे बयानों पर जितनी जल्दी रोक लगे उतना श्रेयस्कर होगा. गठबंधन के लिए और शायद आपके लिए भी. उपेंद्र कुशवाहा ने तेजस्वी को लालू-राबड़ी दौर के जंगलराज की याद दिलायी. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि तेजस्वी अपने विधायक को बतायें कि कैसे नीतीश कुमार ने खौफनाक मंजर से बिहार को मुक्ति दिला कर मर्दानगी भरा काम किया था.
राजनीति में भाषाई मर्यादा की बड़ी अहमियत
कुशवाहा ने लिखा है- “तेजस्वी यादव जी, जरा गौर से देखिए-सुनिए अपने एक माननीय विधायक के बयान को और उन्हें बताईए कि राजनीति में भाषाई मर्यादा की बड़ी अहमियत होती है. वे उस शख्सियत को “शिखंडी” कह रहें हैं जिन्होंने बिहार को उस “खौफनाक मंजर” से मुक्ति दिलाने की “मर्दानगी” दिखाई थी, वह भी तब जब उसके खिलाफ कुछ भी बोलने के पहले लोग दाएं-बाएं झांक लेते थे. अपने पोस्ट में आगे उपेंद्र कुशवाहा ने लिखा है- “वे उस शख्सियत को “शिखंडी” कह रहें हैं, जिन्होंने बिहार को उस खौफनाक मंजर से मुक्ति दिलाने की “मर्दानगी” दिखाई थी, वह भी तब जब उसके खिलाफ कुछ भी बोलने के पहले लोग दाएं-बाएं झांक लेते थे. ऐसे बयानों से प्रदेश की लाखों-करोड़ों जनता एवं वर्तमान जदयू और तत्कालीन समता पार्टी के उन हजारों कार्यकर्ताओं की भावना को चोट पहुंचती है. जिन्होंने उस दौर में नीतीश कुमार का साथ-सहयोग दिया, कुर्बानी दी.
क्या कहा था सुधाकर सिंह ने
सुधाकर सिंह ने एक निजी चैनल को दिए अपने इंटरव्यू में कहा था कि नीतीश कुमार सिर्फ 2 महीने के लिए आये थे, मगर अब वो तेजस्वी को सीएम बनने नहीं दे रहे हैं. इस दौरान उन्होंने सीएम नीतीश की तुलना शिखंडी से की. बिहार का इतिहास उन्हें हमेशा शिखंडी के रूप में याद करेगा. वह जब राजद के पास आए थे, तो उन्होंने कमिटमेंट दिया था कि नाइट वाचमैन के तौर पर दो-तीन माह के लिए कुर्सी पर रहेंगे, फिर कुर्सी तेजस्वी को सौंप देंगे.