बिहार में शूगर और बीपी के मरीजों को बड़ी राहत मिली है. इन मरीजों को रोज खाने वाली दवाओं के महंगी कीमत से थोड़ी राहत मिलेगी. बताया जा रहा है कि दवाओं की कीमतों के नियामक एनपीपीए ने मधुमेह और उच्च रक्तचाप के इलाज की दवाओं समेत 74 दवाओं का खुदरा मूल्य तय कर दिये हैं. अधिसूचना के अनुसार, एनपीपीए ने डेपाग्लिफ्लोजिन सिटाग्लिप्टिन और मेटफॉर्मिन हाइड्रोक्लोराइड (एक्सटेंडेड-रिलीज टैबलेट) की एक टैबलेट की कीमत 27.75 रुपये तय की है. इसी तरह, रक्तचाप कम करने वाली दवा टेल्मिसर्टन और बिसोप्रोलोल फ्यूमरेट की एक टैबलेट की कीमत 10.92 रुपये तय की गयी है. बिहार में इन दवाओं का करोड़ों रुपये का कारोबार है.
मिर्गी और न्यूट्रोपेनिया की दवाएं भी लिस्ट में शामिल
दवाओं की सूची में मिर्गी और न्यूट्रोपेनिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा समेत 80 अनुसूचित दवाओं (एनएलइएम 2022) के अधिकतम मूल्य को भी संशोधित किया गया है. सोडियम वैल्प्रोएट (200 एमजी) की अधिकतम कीमत 3.20 रुपये प्रति टैबलेट और फिल्ग्रास्टिम इंजेक्शन प्रति वॉयल की कीमत 1,034.51 रुपये तय की गयी है. इसी तरह स्टेरॉयड दवा हाइड्रोकोर्टिसोन (20 एमजी) की प्रति टैबलेट कीमत 13.28 रुपये तय की गयी है. एनपीपीए ने गत 21 फरवरी को हुई प्राधिकरण की 109वीं बैठक में लिये गये फैसले के आधार पर औषधि (कीमत नियंत्रण) आदेश 2013 के तहत दवाओं की कीमतें तय की हैं.