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सीवान में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए गन्ना का होगा सर्वे, किसानों को ऑन द स्पॉट मिलेगा स्लिप

सीवान जिले में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए गन्ने का सर्वे कराया जायेगा. किसानों को ऑन द स्पॉट स्लिप प्रदान किया जायेगा, ताकि फैक्ट्री में गन्ना भेजने में किसानों को कोई परेशानी न हो. इसके लिए जिला में सत्र 2023-24 के लिए गन्ना क्षेत्रफल के आकलन के लिए जीपीएस से गन्ना का सर्वे 15 मई से किया जायेगा.

बिहार: सीवान जिले में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए गन्ने का सर्वे कराया जायेगा. सर्वे के दौरान ही किसानों को ऑन द स्पॉट स्लिप प्रदान किया जायेगा, ताकि फैक्ट्री में गन्ना भेजने में किसानों को कोई परेशानी न हो. इसके लिए जिला में सत्र 2023-24 के लिए गन्ना क्षेत्रफल के आकलन के लिए जीपीएस से गन्ना का सर्वे 15 मई से किया जायेगा. गन्ना सर्वेक्षण कार्य 30 जून तक चलेगा. सर्वेक्षण के उपरांत जीपीएस युक्त हैंड हेल्ड कंप्यूटर बेस्ड मशीन से किसान को मौके पर ही एक सर्वे स्लिप प्रदान किया जायेगा. मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी समय-समय पर सर्वेक्षण कार्य का आकस्मिक निरीक्षण करेंगे. गन्ना सर्वे को वेबसाइट पर अपलोड किया जायेगा. गन्ना सर्वेक्षण टीम में एक कर्मचारी राजकीय गन्ना पर्यवेक्षक व एक कर्मचारी चीनी मिल का होगा. गन्ना सर्वे की पूर्ण जानकारी किसानों को दी जायेगी. विभाग की ओर से केवल गन्ने के पौधे का जीपीएस मशीन से सर्वे किया जायेगा.

मिल के कर्मचारी करेंगे सर्वे

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सर्वे मिल के कर्मचारी और गन्ना विभाग के कर्मचारी करेंगे. इस सर्वे के दौरान किसान का नाम सहित अन्य जानकारी लेनी होगी. इस बार के होने वाले सर्वे में ड्रोन की सहायता भी ली जाये. जिसके लिए विभाग को सूचित कर दिया गया हैं. सर्वे में नये पुराने किसानों का आंकड़ा भी मिल जायेगा. जिससे सरकार को आसानी से मालूम हो पायेगा कि नये किसान कितने जुड़े हैं. इस वर्ष गन्ना किसानों को उनके बोये गये क्षेत्रफल के संबंध में वेबसाइट पर घोषणा-पत्र ऑनलाइन अपलोड करने की सुविधा प्रदान की गयी है. गन्ना सर्वेक्षण के लिए प्रत्येक चीनी मिल क्षेत्र में स्टाफ की उपलब्धता के अनुरूप 500 से 1000 हेक्टेयर तक की अस्थायी सर्किल बनायी जायेगी. गन्ना आयुक्त ने निर्देश दिया है कि गन्ना सर्वेक्षण टीम में उन्हीं कर्मचारियों को रखा जायेगा, जो सर्वेक्षण की मूलभूत जानकारी रखते हों. सर्वेक्षण टीम का एक अनिवार्य प्रशिक्षण कराया जायेगा.

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क्या कहते हैं अधिकारी

जिला गन्ना लिपिक सहायक अमित कुमार दुबे ने बताया कि विभाग की ओर से गन्ने का हर साल सर्वे कराया जाता है. इसी के आधार पर किसानों को गन्ना पर्ची जारी की जाती है. कई बार देखा गया है कि कुछ किसान इस व्यवस्था में फर्जीवाड़ा कराते हैं और अपनी पौधे कम दिखाते हैं. इससे दूसरे किसानों को समय से पर्ची नहीं मिलती हैं. ऐसे किसानों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए गन्ना विभाग अगले सत्र के लिए केवल गन्ना पौध का ही सर्वे करायेगा, जबकि पेड़ों का सर्वे नहीं कराया जायेगा.

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