बिहार के बाल सुधार गृह में बच्चे कितने सुरक्षित हैं ये सवाल अब एकबार फिर से उठने लगा है. खगड़िया पर्यवेक्षण गृह में बंद लखीसराय के किशोर की मौत शुक्रवार को तेजाब पीने से हो गयी. मृतक के कमरे से सुसाइड नोट भी मिलने की बात कही जा रही है. वहीं एक के बाद एक करके अलग-अलग जगहों से बाल सुधार गृह में हो रहे हादसे अब ये सवाल उठाने लगे हैं कि आखिर अंदर बच्चों की सुरक्षा कितनी है.
खगड़िया स्थित बाल सुधार गृह में गुरुवार रात लखीसराय निवासी एक विधि विरुद्ध बालक ने एसिड पी लिया. घटना के बाद बाल सुधार गृह प्रबंधन उसे लेकर सीधे खगड़िया सदर अस्पताल लेकर चला गया. वहां से उसकी स्थिति गंभीर बताते हुए भागलपुर के मायागंज स्थित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया गया. वहां इलाज के क्रम में शुक्रवार सुबह 4 बजे उसकी मौत हो गयी.
मामले में खगड़िया बाल गृह प्रबंधन की घोर लापरवाही भी सामने आयी है. इसमें बाल सुधार गृह में एसिड के मौजूद रहने और दूसरा कि गुरुवार रात 8 बजे हुई घटना के आठ घंटे बाद मौत होने के बाद प्रबंधन के पदाधिकारियों ने इस बात की सूचना परिजनों को दी. घटना की सूचना पाकर भागलपुर पहुंचे परिजनों ने बाल सुधार गृह प्रबंधन पर भी आरोप लगाया है.कर्मियों ने ही उन्हें कमरे में रखे एक कॉपी में लिखे सुसाइड नोट की कॉपी भी उपलब्ध करायी.
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इसी साल नवादा के बाल सुधार गृह में एक किशोर का शव फंदे से लटकता मिला था. किशोर बाइक चोरी करते पकड़ा गया था और उसे यहां भेजा गया था. बिहार का बहुचर्चित मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड को भी सभी जानते हैं जिसमें बालिकाओं के साथ जबरन दुष्कर्म का मामला सामने आया था और इस मामले में कई सफेदपोश साहेबों की संलिप्तता पाई गयी थी. ऐसे कई मामले हैं जो बालक/ बालिका सुधार गृह की सुरक्षा पर सवाल खड़े करते हैं.
Posted By: Thakur Shaktilochan