हाजीपुर. गंडक नदी स्थित पुरानी गंडक पुल अब धीरे- धीरे सुसाइड प्वाइंट बनता जा रहा है. पिछले दो महीने के अंदर लगभग आधा दर्जन लोगों ने वहां से कूद कर आत्महत्या का प्रयास किया है, लेकिन क्लब घाट पर प्रतिनियुक्त एसडीआरएफ की टीम कई लोगों की जान बचाई है.
गंडक नदी स्थित पुरानी गंडक और नई गंडक पुल पर लोगों का आवागमन होता रहता है, लेकिन इन दोनों पुल पर से पिछले दो महीनों के अंदर आधा दर्जन लोगों ने आत्महत्या का प्रयास किया है. इनमें से कई लोगों की जान एसडीआरएफ की टीम ने बचा ली है. 19 अगस्त को पुरानी गंडक पुल पर से एक व्यक्ति नशे में धुत्त हो कर पहले तो पुल के सहारे नीचे लटक गया. बाद में वो नदी में कूद गया. उसे एसडीआरएफ की टीम ने आनन फानन में बोट की मदद से रेस्क्यू किया था.
02 सितंबर को पुरानी गंडक पुल पर सोनपुर की रहने वाली एक किशोरी ने परिजनों के व्यवहार से दु:खी होकर नदी से कूद गयी थी. इसे भी एसडीआरएफ की टीम ने बचा लिया था. 19 सितंबर को पुरानी गंडक पुल पर से हीं औद्योगिक थाना क्षेत्र के कोआरी बुजुर्ग के रहने वाले ब्रजकिशोर सिंह भी पारिवारिक विवाद के कारण आत्महत्या का प्रयास करते हुए पुरानी गंडक पुल से नदी में कूद गए थे. लेकिन उन्हें भी एसडीआरएफ की टीम ने बचा लिया था.
29 सितंबर को सोनपुर की रहने वाली एक किशोरी ने नई गंडक पुल से नदी में कूद गई थी. उस दौरान नगर थाना पुलिस भी पुल पर हीं मौजूद थी. लेकिन किशोरी के नदी में कूदने की सूचना जब तक एसडीआरएफ को मिलती और एसडीआरएफ की टीम नदी में रेस्क्यू कर किशोरी को बाहर निकाली, तब तक किशोरी की मौत हो गयी थी. वहीं एक अक्टूबर को नगर थाना क्षेत्र के अस्पताल रोड के रहने वाले संतोष कुमार ने भी पुरानी गंडक पुल से नदी में कूद कर आत्महत्या का प्रयास किया था, लेकिन एसडीआरएफ की टीम ने उसे भी बचा लिया था.
मालूम हो कि पुरानी गंडक पुल पर हमेशा लोगों का आवागमन होता रहता है. फूटपाथ पर भी लोग आते जाते रहते हैं. इस बीच कौन आत्महत्या के लिए पुल पर जा रहा है, पहचानना मुश्किल होता है. ऐसे में प्रशासन द्वारा लोगों के बीच जागरुकता फैलाना आवश्यक है.