सुपौल की बेटी अंशु कुमारी ने रचा इतिहास, एशियाई अंडर-18 रग्बी फुटवाल चैंपियनशिप में जीता सिल्वर मेडल
चीन में 30 सितंबर से एक अक्टूबर तक आयोजित इस चैंपियनशिप में सुपौल की रहनेवाली अंशु कुमारी भारतीय गर्ल्स टीम की हिस्सा थी. फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम का मुकाबला संयुक्त अरब अमीरात की टीम के साथ था. भारतीय टीम फाइनल में 10-7 के मुकाबले सिल्वर मेडल प्राप्त किया है.
सुपौल. चीन के ताइपे में आयोजित एशियाई अंडर-18 रग्बी 7 चैंपियनशिप में सुपौल (बिहार) की बेटी ने इतिहास रच दिया है. भारतीय गर्ल्स टीम की सदस्य सुपौल की रहनेवाली अंशु कुमारी ने प्रतियोगिता में देश के लिए सिल्वर मेडल जीता है. सुपौल जिला रग्बी फुटबॉल संघ के अध्यक्ष शारदानंद झा ने इसकी जानकारी देते हुए स्थानीय पत्रकारों को बताया कि चीन में 30 सितंबर से एक अक्टूबर तक आयोजित इस चैंपियनशिप में सुपौल की रहनेवाली अंशु कुमारी भारतीय गर्ल्स टीम की हिस्सा थी. फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम का मुकाबला संयुक्त अरब अमीरात की टीम के साथ था. भारतीय टीम फाइनल में 10-7 के मुकाबले सिल्वर मेडल प्राप्त किया है. उन्होंने कहा कि रग्बी खिलाड़ी अंशु कुमारी ने पहली बार किसी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में मेडल जीतकर सुपौल का नाम रोशन किया है.
छोटी सी दुकान चलाते हैं अंशु के पिता
अंशु के इस सफलता के पीछे उसके पिता पवन कुमार का भरपूर सहयोग और मेहनत है. निर्मली बाजार में एक छोटा सा मिठाई का दुकान करने वाले पवन कुमार ने कभी भी अंशु को खेलने और तैयारी में बाधा उत्पन्न नहीं होने दिया. सुपौल के पिपरा प्रखंड के निर्मली बाजार की रहने वाली अंशु कुमारी के पिता पवन कुमार एक छोटी सी मिठाई की दुकान चलाकर अपने परिवार का गुजारा करते हैं. आज यह दिन उन सभी के लिए गर्व का क्षण है जब बिटिया अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सिल्वर मेडल जीतकर वापस आ रही है. सुपौल नगर परिषद के चेयरमैन राघवेन्द्र झा ने कहा कि सुपौल की बिटिया का सुपौल आने पर भव्य स्वागत होगा. बधाई देने वालों में कई लोग शामिल होंगे.
Also Read: बिहार में बचे हैं महज 1.42 करोड़ खेतिहर मजदूर, खेतों में काम करनेवालों की संख्या शेखपुरा में सबसे कम
पहले एथलेटिक्स की खिलाड़ी रही है अंशु
अंशु को बधाई देते हुए जिला एथलेटिक संघ के सचिव सर्वेश कुमार झा ने बताया कि यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि आज एक छोटे से इलाके से निकलने वाली अंशु ने वह करके दिखा दिया जो कि सुपौल में आने वाले खिलाड़ियों के लिए एक मिसाल कायम होगा. अंशु के सिल्वर मेडल जीतने की खुशी में बधाइयों का तांता लगा हुआ है. उन्होंने कहा कि जब मैंने पहली बार अंशु को स्टेडियम में दौड़ते देखा था, तभी मैंने कहा था कि ये लड़की एक दिन बहुत आगे तक जाएगी, वो परिणाम आपके सामने है. उन्होंने कहा कि अंशु पिछले एक माह से रग्बी इंडिया द्वारा ओडिशा में आयोजित नेशनल कैंप में अभ्यास कर रही थी. अभ्यास में अंशु के अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए ही उसका चयन किया गया था.
महिलाओं के आत्मसम्मान का दिन
जिला रग्बी फुटबॉल संघ सुपौल के सचिव तरुण कुमार झा ने इस मौके पर बताया कि हमारे लिए सिर्फ गर्व का ही नहीं बल्कि महिलाओं के प्रति आत्मविश्वास और आत्मसम्मान का दिन है. पहले वो एथलेटिक्स की खिलाड़ी रही. उसे जब रग्बी खेलना सिखाया तो उसने इस खेल में अच्छा प्रदर्शन करना शुरू कर दिया जिसका परिणाम आज सामने है. जब हम इस छोटे से जिले से एक खिलाड़ी को मेहनत के साथ तैयार करते हैं और वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीत के आता है, तो हमारे लिए इससे ज्यादा खुशी की बात और क्या हो सकती है. अंशु आने वाले दिनों में सुपौल के लिए खेल के मामले में एक यूथ आइकॉन होगी.