हाई लेवल 10 सदस्यीय कमेटी ने तटबंध का किया निरीक्षण, 2025 के लिए एंटीरोजन कार्य हुए चिह्नित
उन स्थलों को सुदृढ़ और मजबूत करने के लिए वर्ष 2025 में एंटीरोजन कार्य कराये जाएंगे
वीरपुर. कोसी नदी के नेपाल और भारतीय प्रभाग में पूर्वी और पश्चिमी दोनों ही तटबंधों के विभिन्न बिंदुओं का पटना से आयी 10 सदस्यीय हाई लेवल कमेटी ने निरीक्षण किया. 29 सितंबर 2024 को कोसी नदी के जलस्तर में हुई व्यापक बढ़ोतरी के बाद जलस्तर के 6.61 लाख पहुंचने से नदी के दोनों ही तटबंधों के स्परों व स्टर्ड पर जो क्षति हुई है या जो बिंदु कमजोर हुए हैं. उन बिन्दुओं पर वर्ष 2025 के लिए बाढ़ पूर्व कटाव निरोधक कार्य में उसे शामिल किया जाएगा. वीरपुर स्थित जल संसाधन विभाग के बाढ़ नियंत्रण एवं जल निःसंरण के चीफ इंजीनियर वरुण कुमार ने बताया कि 21 अक्टूबर को पटना से पांच सदस्य की हाई लेवल टीम की उप समिति वीरपुर पहुंची थी. जो लगातार चार दिनों तक नदी के दोनों ही तटबंध का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार किया था. यह रिपोर्ट विभाग को सौंप दिया गया था. इधर 11 नवम्बर से 14 नवम्बर तक हाई लेवल कमेटी ने उन स्थलों पर विजिट किया है. जो रिपोर्ट उप कमेटी के द्वारा सौंपा गया था. बुधवार को 10 सदस्यीय हाई लेवल कमेटी ने नेपाल और भारतीय प्रक्षेत्र के विभिन्न बिंदुओं को देखा है. उम्मीद है कि उन सभी बिंदुओं को जिन्हें चयनित किया गया था. उन स्थलों को सुदृढ़ और मजबूत करने के लिए वर्ष 2025 में एंटीरोजन कार्य कराये जाएंगे. 10 सदस्यीय टीम में बतौर अध्यक्ष गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग के चेयरमैन, अभियंता प्रमुख, दरभंगा के चीफ इंजिनियर, गंगा बाढ़ नियंत्रण कमीशन के सदस्य, अध्यक्ष, वीरपुर चीफ इंजीनियर, जल विज्ञान एवं योजना आयोग के चीफ इंजीनियर, सी डब्ल्यूपीआरएस पुणे के डायरेक्टर के अलावे नेपाल से कोसी बकराहा नदी मैनेजमेंट के प्रोजेक्ट मैनेजर और नेपाल काठमांडू से जल संसाधन मंत्रालय के डाइरेक्टर जेनरल शामिल थे.
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