काम से अलग रहे चिकित्सक

बंद. आइएमए, भासा व आइडीए के संयुक्त आह्वान पर विरोध जताया सुरक्षा, सम्मान व आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की रक्षा व सरकारी व गैर सरकारी चिकित्सकों के ऊपर हो रहे हमले के विरोध में सदर अस्पताल में संचालित ओपीडी कार्य को पूर्वाह्न 10:00 से 11:00 बजे तक चिकित्सकों ने बहिष्कार किया. सुपौल : आईएमए, भासा व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 7, 2017 5:48 AM

बंद. आइएमए, भासा व आइडीए के संयुक्त आह्वान पर विरोध जताया

सुरक्षा, सम्मान व आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की रक्षा व सरकारी व गैर सरकारी चिकित्सकों के ऊपर हो रहे हमले के विरोध में सदर अस्पताल में संचालित ओपीडी कार्य को पूर्वाह्न 10:00 से 11:00 बजे तक चिकित्सकों ने बहिष्कार किया.
सुपौल : आईएमए, भासा व आईडीए के संयुक्त आह्वान पर स्थानीय चिकित्सक मंगलवार को एक घंटे तक चिकित्सीय कार्य से अलग रहे. साथ ही शहर के तमाम चिकित्सकों ने अपने-अपने निजी क्लिनिकों को कई घंटे बंद रख संघ का समर्थन किया. संघ के सदस्यों ने चिकित्सकों के सुरक्षा, सम्मान व आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की रक्षा व सरकारी व गैर सरकारी चिकित्सकों के ऊपर हो रहे हमले के विरोध में सदर अस्पताल में संचालित ओपीडी कार्य को पूर्वाह्न 10:00 से 11:00 बजे तक चिकित्सकों ने बहिष्कार किया. मौके पर संघ के सदस्य व चिकित्सकों ने बताया कि सरकार व चिकित्सकों के बीच गतिरोध सिर्फ इस बात को लेकर है
कि चिकित्सीय कार्य में लगे चिकित्सकों का अधिकार सरकार अपने हाथ में रखना चाह रही है. जबकि देश के किसी भी प्रकार के पेशे के नियमन का अधिकार उनके द्वारा चुने गये प्राधिकार का ही होता है. बताया कि सिर्फ व सिर्फ चिकित्सा पेशा ही ऐसा है जिसके नियमन का अधिकार सरकार द्वारा नामित लोगों के हाथ दिया गया है. इधर, चिकित्सीय कार्य से चिकित्सकों के अलग रहने के कारण मरीजों को काफी दुश्वारियां उठानी पड़ी. आइएमए सदस्यों की ये हैं मांग
सदस्यों ने बताया कि आईएमए सरकार द्वारा लगाये जा रहे क्लिनिकल एक्ट के लिये एकल खिड़की व्यवस्था की मांग करती है. साथ ही चिकित्सकों को एनएमसी से हटा कर एमसीआई के साथ ही रखे जाने का भी अनुरोध किया है. सदस्यों ने चिकित्सकों द्वारा मरीज के हित के लिये विभिन्न दवा कंपनियों द्वारा निर्मित दवा का मूल्य एक रखे जाने पर बल दिया. साथ ही आये दिन चिकित्सकों पर हो रहे हमले के विरोध में एक केंद्रीय कानून बनाने की सरकार से मांग की है.

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