पंचायत का तालिबानी फरमान बैटरी चोरी पर हाथ काटा

सुपौल : वीरपुर थाने की बलभद्रपुर पंचायत के ब्रहमपुर मौजा (घोड़ा घाट) मोबाइल की बैटरी की चोरी को लेकर शनिवार को पंचायती हुई, जिसमें आरोपित के हाथ काटने का तालिबानी फरमान जारी किया गया. इस पर अमल करते हुए गांव के ही हयात अली और शमशेर आलम ने मंसूर आलम का बायां हाथ काट लिया, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 3, 2017 7:38 AM
सुपौल : वीरपुर थाने की बलभद्रपुर पंचायत के ब्रहमपुर मौजा (घोड़ा घाट) मोबाइल की बैटरी की चोरी को लेकर शनिवार को पंचायती हुई, जिसमें आरोपित के हाथ काटने का तालिबानी फरमान जारी किया गया. इस पर अमल करते हुए गांव के ही हयात अली और शमशेर आलम ने मंसूर आलम का बायां हाथ काट लिया, जिससे दो पक्षों में जम कर मारपीट हो गयी.
इसमें दोनों पक्षों से लगभग आधा दर्जन लोग घायल हो गये हैं, जिसमें दो की हालत काफी गंभीर है. मामले में दोनों पक्षों द्वारा प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है, जिसमें एक पक्ष से 16 को नामजद किया गया है. इसमें पांच की गिरफ्तारी हुई है. जबकि दूसरे पक्ष से 10 को नामजद बनाया गया है. जिसमें एक की गिरफ्तारी पुलिस ने की है. थानाध्यक्ष सुरेश कुमार राम ने बताया कि बलभद्रपुर पंचायत के ब्रह्मपुर मौजा (घोड़ा घाट) में दो पक्षों में मोबाइल की बैटरी जैसी छोटी चीज के लिए हिंसक विवाद हुआ. जिसमें प्रथम पक्ष से मुर्तुजा, उसका साला नयमतुल्लाह व मंसूर आलम गंभीर रूप से जख्मी हो गया.
मंसूर आलम का बायां हाथ दूसरे पक्ष के हयात अली और शमसेर आलम ने काट दिया, जिसका इलाज नेपाल के विराटनगर में चल रहा है. वहीं, मुर्तुजा का साला नयमतुल्लाह जो भी गंभीर रूप से जख्मी हैं. उनका इलाज फॉरबिसगंज में चल रहा है. पुलिस ने मुर्तुजा को गिरफ्तार कर लिया गया. श्री राम ने बताया कि द्वितीय पक्ष के हयात तथा उसका मामा मंजूर आलम भी जख्मी हुए हैं. उसका इलाज पुलिस के गिरफ्त में स्थानीय अस्पताल में चल रहा है. प्रथम पक्ष के वादी मुर्तुजा द्वारा दिये गये आवेदन में 16 लोगो को नामजद बनाया गया है. जिसमें कांड दर्ज कर नामित 16 लोगों में से पांच की गिरफ्तारी हुई है.
वही द्वितीय पक्ष के वादी मंजूर आलम द्वारा दिये गये आवेदन में 10 लोगो को नामजद बनाया गया है. जिसमे कांड संख्या 170/17 दर्ज कर एक व्यक्ति की गिरफ्तारी की गयी है.
क्या है पूरा मामला
थानाध्यक्ष श्री राम ने बताया कि द्वितीयपक्ष के कयूम का मोबाइल खराब हो गया था. जिसे मरम्मत करने के लिए प्रथम पक्ष के जरजिस पिता अब्दुल रउफ को दिया. जरजिस द्वारा मोबाइल को ठीक कर कयूम को वापस कर दिया गया. लेकिन कुछ देर के बाद कयूम द्वारा यह कहा गया कि जरजिस ने मोबाइल की बैटरी बदल ली. इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में वाद-विवाद होने लगा. बात मार-पीट तक आ गयी. पंचायत द्वारा सुलह कराने की कोशिश की गयी. लेकिन मामला बढ़ता ही चला गया. बाद में पंचायत ने भी तुगलकी फरमान सुनाया. जिसमें मंसूर आलम को सदा के लिए हाथ गंवाना पड़ा. थानाध्यक्ष ने बताया कि पुलिस मामले की बारिकी से जांच कर रही है.

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