नावों का परिचालन केवल कागज पर

कोसी नदी के जल स्तर में कमी आने के बाद भी मंगलवार को कई गांवों में कोसी का कटाव जारी रहा. प्रशासनिक उदासीनता के कारण लोगों को अपने-अपने पशुओं को तटबंधों पर रखना पड़ रहा है. सुपौल : कोसी नदी के जल स्तर में कमी आने के बाद भी तटबंध के भीतर लोगों की परेशानी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 19, 2017 12:29 PM
कोसी नदी के जल स्तर में कमी आने के बाद भी मंगलवार को कई गांवों में कोसी का कटाव जारी रहा. प्रशासनिक उदासीनता के कारण लोगों को अपने-अपने पशुओं को तटबंधों पर रखना पड़ रहा है.
सुपौल : कोसी नदी के जल स्तर में कमी आने के बाद भी तटबंध के भीतर लोगों की परेशानी कम होते नजर नहीं आ रही है. मंगलवार को भी कई गांवों में कोसी का कटाव जारी रहा. किसनपुर प्रखंड के परसामाधो, बौराहा, नौआबाखर, दुबियाही व मौजहा पंचायत के हालत कमोवेश एक जैसी है. इन पंचायतों के कई गांवों में अब भी समस्याएं यथावत बनी हुई है. सबसे ज्यादा परेशानी आवागमन व पशु चारे की है.
जिसके कारण लोग काफी परेशान हैं. किसनपुर प्रखंड अंतर्गत तटबंध के भीतर पड़ने वाले गांवों में परिचालन की व्यवस्था बहाल करने को लेकर प्रशासन द्वारा 31 नाव के परिचालन की बात भी केवल कागजी नजर आ रहा है. लोगों का कहना है कि सबसे ज्यादा परेशानी परिचालन व पशुचारा की है. प्रशासन द्वारा बहाल नाव कही नजर नहीं आता है. जबकि प्रशासन द्वारा अब तक पशुचारे की व्यवस्था नहीं की गयी है. जिसके कारण पशुओं के चारे का संकट गहरा गया है. हाल यह है कि लोगों को ऊंचे दामों पर भूसा की खरीदारी करनी पड़ रही है. सबसे ज्यादा परेशानी का सबब पशु चारा की खरीदारी कर उसे तटबंध के अंदर ले जाना है.
लोगों का कहना है कि प्रशासनिक उदासीनता के कारण लोगों को अपने-अपने पशुओं को तटबंधों पर रखना पड़ रहा है. नरहैया गांव के ज्योतिष मंडल ने पूछने पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर पशुओं को वोट देने का अधिकार रहता तो आज ऐसी स्थिति नहीं होती. तटबंध के बीच बसे गांवों के कई लोगों ने बताया कि कोई देखने-सुनने वाला नहीं है. आदमी और पशु में अंतर मिट सा गया है.
सुपौल. नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बारिश की वजह से कोसी का जल स्तर बढ़ने लगा है. बढ़ रहे पानी से तटबंध के भीतर एक बार फिर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. बाढ़ नियंत्रण कक्ष से मिल रही जानकारी के अनुसार बीते दिनों से कोसी के जल स्तर में वृद्धि दर्ज की जा रही है.
मंगलवार को नेपाल स्थित बराह क्षेत्र से कोसी का डिस्चार्ज 01 लाख 39 हजार 150 व बराज से 01 लाख 49 हजार 500 क्यूसेक मापा गया है. जबकि 16 जुलाई को बराह क्षेत्र से 01 लाख 21 हजार 110 व बराज से 01 लाख 30 हजार 610 क्यूसेक मापा गया था. 15 जुलाई को बराह क्षेत्र से डिस्चार्ज 01 लाख 12 हजार 765 व बराज से 01 लाख 22 हजार 265 क्यूसेक मापा गया था. आंकड़े बताते हैं कि किस तरह कोसी के जल स्तर में वृद्धि हो रही है. जल स्तर में हो रही वृद्धि से तटबंध के भीतर बसे लोगों की धड़कने भी तेज होने लगी है. तटबंध के भीतर बसे लोगों का कहना है कि इसी तरह कोसी का पानी बढ़ता गया, तो आने वाले समय में लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
तटबंध के भीतर बसे लोगों में मुखिया रंजय कुमार यादव, उदय कुमार चौधरी, जगन्नाथ महतो, राम प्रसाद साह, शिव शंकर कुमार आदि ने बताया कि तटबंध के भीतर लोगों के सामने अभी भी कई समस्याएं है. लोगों ने बताया कि सबसे ज्यादा परेशानी परिचालन व पशु चारा की है. प्रशासनिक तौर पर अब भी पीड़ितों के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गयी है. लोगों ने तटबंध के भीतर परिचालन बहाल व पशु चारा की व्यवस्था करने की प्रशासन से मांग की है.

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