सुपौल : नीतीश कैबिनेट में एक बार फिर जदयू विधायक विजेंद्र प्रसाद यादव को शामिल किया गया है. वह वर्ष 1990 से सुपौल विधानसभा का प्रतिनिधित्व लगातार कर रहे हैं. ईमानदार छवि और कुशल राजनीतिक ज्ञान के बल पर अब तक एक बार भी विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना नहीं करना पड़ा है. सुपौल में ललित नारायण मिश्र व डॉ जगन्नाथ मिश्र के बाद वह पहले नेता हैं, जिन्होंने जिले से राजनीति के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनायी है. लगातार बिहार सरकार में मंत्री पद को सुशोभित करनेवाले विजेंद्र यादव के एक बार फिर मंत्री बनने पर जदयू कार्यकर्ताओं समेत जिले वासियों में खुशी है.
जेपी आंदोलन से की थी राजनीति की शुरुआत
किसनपुर प्रखंड के मुरली गांव निवासी विजेंद्र यादव का छात्र जीवन से ही राजनीति से लगाव था. यही कारण था कि उन्हों जेपी आंदोलन में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और इमरजेंसी के दौरान जेल भी गये. उसके बाद से लेकर आज तक उन्होंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा. विजेंद्र कोसी की धरती पर अपनेआप में संस्था माने जाते हैं. वर्ष 1990 में पहली जनता दल से सुपौल विधानसभा से विधायक बने. उन्हें लालू यादव की सरकार में मंत्री भी बनाया गया. बाद के दिनों में वे लालू यादव का साथ छोड़ कर नीतीश कुमार के साथ हो गये. नीतीश कुमार ने जब बिहार में पहली बार भाजपा की मदद से खुद की सरकार बनायी. उस दौरान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र प्रसाद यादव ही थे. जानकारों की मानें, तो विजेंद्र यादव के कुशल नेतृत्व के कारण ही जदयू को बिहार में इतनी बड़ी सफलता मिली थी. उससमय से लेकर आज तक वह राजनीतिक बुलंदियों को छूते आगे बढ़ते गये. बिहार सरकार में वे अब तक कई विभाग के मंत्री रह चुके हैं.