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29 के बदले बने सात पंचायत भवन

सुपौल : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है. इसी कारण त्रिस्तरीय पंचायती व्यवस्था जब मजबूत होगी, तभी भारतीय लोकतंत्र मजबूत होगा. आजादी के बाद भारत में त्रिस्तरीय पंचायती व्यवस्था लागू भी की गयी. लेकिन हकीकत है कि पंचायती राज व्यवस्था आज भी सुविधा व संसाधनों के अभाव […]

सुपौल : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है. इसी कारण त्रिस्तरीय पंचायती व्यवस्था जब मजबूत होगी, तभी भारतीय लोकतंत्र मजबूत होगा. आजादी के बाद भारत में त्रिस्तरीय पंचायती व्यवस्था लागू भी की गयी. लेकिन हकीकत है कि पंचायती राज व्यवस्था आज भी सुविधा व संसाधनों के अभाव में हासिये पर खड़ा है. जन प्रतिनिधियों को कहीं पंचायत भवन तो कहीं ग्राम कचहरी आदि की समस्या से जूझना पड़ रहा है.
सुपौल जिले के 181 पंचायत भी इससे अछूते नहीं हैं. जन प्रतिनिधियों को पंचायत स्तर पर नियुक्त कर्मियों से संपर्क हेतु भाग – दौड़ की समस्या ना करनी पड़े. जिसे लेकर सरकार द्वारा कुछ वर्षों पूर्व लाखों की लागत से पंचायत सरकार भवन निर्माण कार्य कराये जाने की घोषणा की गयी. जहां पंचायत सरकार भवन निर्माण के लिए जिले भर में 29 स्थानों पर निर्माण कार्य पूर्ण कराये जाने का निर्णय लिया गया. इसके लिए अंचलाधिकारियों को भूमि उपलब्ध कराये जाने का निर्देश दिया गया. वहीं विभाग को भवन निर्माण कार्य की राशि भी उपलब्ध कराया गया और स्थानीय क्षेत्र संगठन अभियंत्रण विभाग को ससमय निर्माण कार्य पूर्ण कराये जाने की जिम्मेवारी दी गयी. लेकिन विभाग की उदासीनता के कारण योजना के क्रियान्वयन की तिथि समाप्त होने के बाद अब तक सात स्थानों पर संबंधित संवेदकों द्वारा निर्माण कार्य कराया गया है. इन भवनों का निर्माण कार्य वर्ष 2012-13 एवं 2013-14 में प्रारंभ कराया गया. लेकिन अधिकांश स्थानों पर निर्माण कार्य की स्थिति बदतर बनी हुई है.
उद्देश्य से भटक रहा पंचायत सरकार भवन योजना
पंचायत के क्रियाकलापों के सफल क्रियान्वयन के लिए आवश्यकतानुसार कार्यालय भवन का होना आवश्यक है.इसके लिए पंचायत सरकार भवन का डिजाइन तैयार किया गया. भवन में पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों और पंचायत स्तर के कर्मियों के लिए स्थान, ग्राम कचहरी के न्यायालय कक्ष, अभिलेखों के संरक्षण के लिए स्थान, स्टोर, पंचायत/स्टैंडिंग कमिटि की बैठकों के लिए हॉल, नागरिकों के लिए स्वागत कक्ष, कम्प्यूटराईज्ड सेवा प्रदान करने के लिए सेवा केन्द्र, स्टोर, पैन्ट्री एवं शौचालय का प्रावधान किया गया है.
भवन दो मंजिला होगा तथा इसका उपयोग बहुउद्देशीय होगा. उक्त कार्यों के अतिरिक्त बाढ़ एवं आपदाओं में भी उसका उपयोग किया जा सकेगा. पंचायत सरकार भवन का निर्माण क्षेत्र 5920 वर्ग फीट है तथा अनुमानित राशि 82.00 लाख रुपया प्रति भवन है. ऐसे भवन के निर्माण से पंचायतों को अपने कार्य संचालन में जन-सामान्य के प्रति उत्तरदायी बनने और कार्यकलापों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने में सुविधा होगी. पंचायत सरकार भवन के निर्माण हेतु औसत 5.8 ग्राम पंचायत की दर से क्लस्टर बनाये गये हैं तथा तत्काल प्रत्येक क्लस्टर में एक-एक पंचायत सरकार भवन का निर्माण होगा. पंचायत सरकार भवन ग्राम पंचायत के मुख्यालय ग्राम में बनाया जाएगा तथा उक्त भवन हेतु न्यूनतम 50 डिसमिल जमीन की आवश्यकता होगी.
गौरतलब हो कि जिले के कुल 29 स्थानों पर स्थानीय क्षेत्र संगठन अभियंत्रण विभाग द्वारा पंचायत सरकार भवन निर्माण कार्य पूर्ण कराया जाना था. जिसमें पंचायत सरकार भवन बकौर, बैरिया, लाउड, मल्हनी, कदमाहा, हड़री, तुलापट्टी, किशनपुर उत्तर, कटैया माहे, अमहा, मझारी, डगमारा, चांदपीपर, सिमरिया, गुड़िया, परसागढ़ी उत्तर, झिल्लाडूमरी, पिपराही, सूर्यापुर, सुखानगर, भगवानपुर, कुशहर, मधुबनी, रामपुर, घीबहा, ग्वालपाड़ा, विशनपुर शिवराम, हरिराहा व देवीपुर शामिल हैं. लेकिन उक्त विभाग व संबंधित संवेदक की मिली भगत से पंचायत सरकार भवन निर्माण कार्य का वजूद अंधेरे में है. उदाहरण स्वरुप जिला मुख्यालय के नाक तले सदर प्रखंड के मल्हनी पंचायत में निर्माणाधीन पंचायत सरकार भवन कुछ ऐसा ही बयां कर रहा है.
भवन निर्माण के लिए निर्धारित था एक वर्ष का समय
बीते कुछ वर्ष पूर्व सरकार द्वारा पंचायत सरकार भवन की घोषणा होने के साथ ही पंचायत वासियों द्वारा कल्पना की जा रही थी कि गांव देहात के लोगों के लिए अब पंचायत स्तर पर आकर्षक भवन तैयार कराया जायेगा. जहां लोगों के समस्याओं का स्थानीय स्तर पर निबटारा कराया जायेगा.
लोगों ने बताया कि स्थानीय क्षेत्र संगठन के पदाधिकारियों का संवेदक के साथ सांठ गांठ रहने के कारण कई वर्ष बीत जाने के बाद भी भवन निर्माण कार्य पूर्ण नहीं कराया गया. यहां तक कि कई स्थानों पर अंचल कार्यालय द्वारा पंचायत सरकार भवन निर्माण कराये जाने को लेकर इस प्रकार के स्थल का चयन किया गया. जहां लोगों को पहुंचने के लिए ना तो पहुंच पथ है.
यहां तक कि सरकारी राशि को खपाने के लिए चाप व चांचड़ भूमि पर भवन निर्माण कार्य करवा दिया गया. मल्हनी पंचायत स्थित तैयार पंचायत सरकार भवन के बारे में स्थानीय लोगों ने बताया कि उक्त भवन में विभागीय मिली भगत के कारण संवेदक द्वारा मानक अनुरूप कार्य नहीं करवाया गया. बताया कि निर्माण कार्य के समय योजना स्थल तक पहुंच पथ नहीं रहने के कारण ना तो विभागीय पदाधिकारी द्वारा निर्माण कार्य सामग्री की गुणवत्ता का जांच किया गया. बताया कि भवन देखने से ही प्रतीत होता है कि कुछ माह पूर्व नये भवन का रंग रोगन किया गया. लेकिन स्थिति ऐसी है कि एक तरफ जहां दरवाजे का ग्रिल जंग के हवाले है. वहीं भवन का रंग – रोगन पूर्ण रूप से उभर चुका है.
इस बाबत पूछे जाने पर स्थानीय क्षेत्र संगठन अभियंत्रण विभाग के कार्यालय द्वारा बताया गया कि अब तक सात पंचायत सरकार भवन संवेदक द्वारा विभाग को सुपुर्द किया गया है. वहीं निर्माण कार्य की समय सीमा व मानक अनुरूप कार्य के बारे में पूछे जाने पर कुछ भी बताने से परहेज बरतते रहे.

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