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शहर के प्रमुख स्थल महावीर चौक पर शुरू हुआ 11 दिवसीय अष्टयाम संकीर्तन

शहर वासियों को इस दिन का इंतजार रहता है

महावीर चौक स्थित हनुमान मंदिर में करीब छह दशक से चलता आ रहा धार्मिक अनुष्ठान – अयोध्या में राम मंदिर स्थापना दिवस के दिन होगा दीपोत्सव सुपौल. नव वर्ष का स्वागत पिछले कई दशकों से शहरवासी हरे राम हरे कृष्ण की गूंज और ढोल-नागारे की थाप पर झूमते नजर आते हैं. भले जमाना कितना भी मॉडर्न एवं फैशनेबुल हुआ हो, पिछले कई दशकों से 31 दिसंबर से शुरु होने वाले 11 दिनों तक चलने वाले अष्टयाम पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है. यही वजह है कि शहर के महावीर चौक स्थित मंदिर समेत शहर के विभिन्न इलाकों में 31 दिसंबर से ही हरे राम, हरे कृष्ण गूंजने लगती है. नए जमाने के लोग भले पार्टी और पिकनिक मना कर नए साल का स्वागत करते हो, लेकिन शहर का एक तबका ऐसा भी है, जो नए साल पर धार्मिक अनुष्ठान को ही बेहतर समझता है. कहीं अष्टयाम तो कहीं साधुओं का भंडारा. शहर के महावीर चौक स्थित मंदिर पर पांच दशक पहले अष्टयाम की शुरुआत हुई थी, जो हर वर्ष साल के अंतिम दिन शुरू होती है और 09 दिनों तक चलती है. अध्यक्ष प्रमोद ठाकुर ने बताया कि मंदिर का स्थापना 31 दिसंबर 1967 ईस्वी को 58 वर्ष पूर्व हुआ था. उसी दिन से प्रतिवर्ष 31 दिसंबर से 09 दिवसीय अष्टयाम का आयोजन होता आ रहा है. लेकिन इस बार अयोध्या में भगवान श्री राम की मंदिर स्थापना दिवस भी इस बार 11 जनवरी को है. इसी कारण अष्टयाम को 11 दिवसीय कर दिया गया है. बताया कि आगामी 04 जनवरी को खिचड़ी महाप्रसाद एवं 11 जनवरी को दीपोत्सव एवं खीर महाप्रसाद का आयोजन किया जायेगा. अष्टयाम समिति के सचिव राधेश्याम साह ने बताया कि 11 दिनों तक चलने वाले इस रामधुनी में जिले भर के डेढ़ दर्जन से अधिक मंडलियों के द्वारा रामधुनी कीर्तन किया जायेगा. बताया कि अष्टयाम के पीछे भावना यह भी रहती है कि पिछले साल के सभी बुरे कर्मों की आत्मशुद्धि और नए साल पर कोई अनिष्ट नहीं हो, इसके ईश्वर की प्रार्थना करना है. शहर वासियों को इस दिन का इंतजार रहता है. स्थानीय लोग बताते हैं कि रामधुनी और सामाजिकता का इससे अच्छा संयोग कही नहीं मिल सकता. आयोजन को सफल बनाने में स्थानीय लोग व व्यापारियों का भरपूर सहयोग मिलता है.

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