हाड़ कंपा देने वाली ठंड से ठहरी जिंदगी सर्दी का सितम जारी

सुपौल : लगातार पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी होने के कारण इसका प्रभाव तराई इलाके में होने लगा है. तापमान में गिरावट को लेकर मौसम विभाग ने चेतावनी जारी कर कुछ दिनों तक ऐसे मौसम होने के आसार की घोषणा की है. अचानक पारा लुढकने के बाद पर्वतीय क्षेत्र नेपाल से सटे भारतीय इलाके में इसका […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 9, 2018 6:26 AM

सुपौल : लगातार पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी होने के कारण इसका प्रभाव तराई इलाके में होने लगा है. तापमान में गिरावट को लेकर मौसम विभाग ने चेतावनी जारी कर कुछ दिनों तक ऐसे मौसम होने के आसार की घोषणा की है. अचानक पारा लुढकने के बाद पर्वतीय क्षेत्र नेपाल से सटे भारतीय इलाके में इसका सबसे ज्यादा असर सुपौल जिले में भी देखा जा रहा है.

साल के पहले ही दिन से सर्दी के सितम ने अपना रुख दिखाना शुरू कर दिया. मौसम विभाग से जुड़े अधिकारी तापमान में गिरावट को लेकर इसमें जल्द खत्म नहीं होने की बात कह रहे हैं. विभागीय रिपोर्ट के मुताबिक हाड़ गला देनी वाली सर्दी का प्रकोप एक पखवारे तक कायम रहेगा. अनुमान के मुताबिक इस दौरान हल्की बूंदा बांदी की भी संभावना हो सकती है. वैसे तो सर्दी का सितम पूरे उत्तर भारत सहित देश के अन्य पर्वतीय इलाके में भी जारी है. ठंड के कारण अबतक जिले में दो लोगों की मौत की सूचना है. हालांकि इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. सरकार एहतियातन गरीबों के बीच कंबल का वितरण कर रही है.

वहीं जगह-जगह अलाव की व्यवस्था की जा रही है. ठंड के कहर के आगे अलाव भी नाकाफी साबित हो रहा है. सरकार की व्यवस्था सिर्फ चुनिंदा जगहों पर हो रही है. दैनिक कामकाज पर भी ठंड का प्रभाव पड़ने लगा है. ठंड से आमतौर पर भीड़-भाड़ वाले इलाके पर भी मरघटी सन्नाटा पसरा है. वही सरकारी कार्यालयों, बैंकों, यात्री वाहनों पर भी इसका असर हुआ है. विभाग द्वारा 31 दिसंबर तक ही 0 से 5 तक के बच्चों को स्कूल नहीं आने का आदेश जारी किया गया. समय समाप्ति के बाद नये आदेश में 13 जनवरी तक स्कूल बंद रखने की बात कही है. सदर प्रखंड के जगतपुर स्थित टीह टोला के महादलितों ने बताया कि इस कड़ाके की ठंड से बचने के लिए एक मात्र सहारा अलाव ही बना हुआ है. बताया कि ठंड के कारण उन लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बताया कि वे सभी जमींदार के बगीचा के घास फूस बीनकर लाते हैं. जिसके बाद किसी तरीके से अलाव की व्यवस्था कर जीवन व्यतीत कर रहे हैं. बताया कि इस वर्ष अन्य वर्षों की भांति काफी शीतलहर चल रहा है.

ठंड में होने वाली बीमारी और बचाव
खासकर ठंड में दिल से जुड़ी अनेक बीमारी घटित हो जाती है ऐसे में हमेशा बीमारी से जुड़ी दवाएं हमेशा पास रखे आभास होने पर तुरंत निकट के अस्पताल या चिकित्सक से मिले. इनसे बचाव के लिये शरीर को ढक कर रखना ही सबसे उपयुक्त माना जाता है. फिलहाल इलाके में सर्द हवा के झोंके के साथ कोहरे ने लोगो की मुसीबत बढ़ा दी है ताजा रिपोर्ट के मुताबिक एक जनवरी से अबतक तापमान में गिरावट में सुधार नहीं होने की बात कही गयी है अबतक सबसे कम 06 डिग्री के आसपास तापमान टिका हुआ है अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. सोमवार को थोड़ी सी धूप खिली जिसमें लोगों को कुछ राहत मिली. लेकिन पछुआ हवा मौसम ठंड का एहसास कराता रहा. यही कारण है कि धूप के बावजूद हार कंपकपा देने वाली ठंड का लोगों को सामना करना पड़ रहा है.
ठंड से मवेशियों का भी बुरा हाल
बीते दिनों से जारी कड़ाके के ठंड के बीच सोमवार को अपराह्न 12 बजे के बाद जैसे ही सूर्य देव की किरण खिला. लोगों के मुख पर खुशी का माहौल छा गया. धूप खिलने के साथ ही कोई सड़क पर या फिर अपने – अपने छत पर पहुंचे और धूप का आनंद उठाया. वहीं सुबह में भारी कोहरे के बीच लोगों ने जहां तहां अलाव जलाया. जबकि सोमवार की सुबह एक अजीबोगरीब नजारा देखा गया. जिला मुख्यालय स्थित स्टेशन पथ के किनारे कुछ लोग कोहरे के बीच अलाव का सेवन कर रहे थे. वहीं कोहरे व शीतलहर के बीच कांप रहे एक मवेशी उक्त अलाव के समीप पहुंच गया. मवेशी को कांपते देख कुछ लोगों ने अलाव के चंहुओर बैठे लोगों ने एक हिस्से को खाली कर दिया. जहां जगह को खाली पाते ही मवेशी सांढ़ अलाव के समीप आकर खड़ा हो गया. लोगों ने बताया कि ठंड से कांप रहे सांढ़ का शरीर काफी देर बाद शांत हुआ. इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि भीषण ठंड से मानव ही नहीं बल्कि मवेशी की स्थिति बेहाल बना हुआ है.
गर्म कपड़े हमेशा शरीर से लपेटे रहे. जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकले. छोटे बच्चों का विशेष ख्याल रखे खासकर बच्चों के हथेलियों सर और पैर को खुला न छोड़े उन्हें ढक कर रखे. स्नान की बजाय गर्म पानी से शरीर को साफ करें. घरों में हीटर का प्रयोग समयानुसार करते रहे. इसके अलावा खानपान में भी खास तौर से एहतियात बरतनी चाहिए.

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