68 लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज
नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा की गयी शिकायत के आलोक में सदर थाना में दर्ज हुआ मुकदमा कार्यपालक पदाधिकारी ने कहा, लोगों की जागरूकता से शीघ्र होगा नगर परिषद क्षेत्र ओडीएफ सुपौल : स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत शौचालय निर्माण के लिये प्रथम किस्त की राशि प्राप्त करने के बावजूद शौचालय निर्माण नहीं करने वाले […]
नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा की गयी शिकायत के आलोक में सदर थाना में दर्ज हुआ मुकदमा
कार्यपालक पदाधिकारी ने कहा, लोगों की जागरूकता से शीघ्र होगा नगर परिषद क्षेत्र ओडीएफ
सुपौल : स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत शौचालय निर्माण के लिये प्रथम किस्त की राशि प्राप्त करने के बावजूद शौचालय निर्माण नहीं करने वाले पांच दर्जन से अधिक लोगों के विरुद्ध सदर थाना में नगर परिषद द्वारा प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. कार्यपालक पदाधिकारी सुशील कुमार मिश्रा द्वारा दायर इस प्राथमिकी में बताया गया है कि योजना के अंतर्गत विकास मित्र द्वारा अनुशंसा प्राप्त होने के बाद लाभुकों को प्रथम किस्त की राशि 75 सौ रुपये अग्रिम स्वरूप दिया गया था. कार्य समाप्त करने की निर्धारित अवधि कार्यादेश प्राप्त करने से 60 दिन निर्धारित थी. जिसका उल्लेख कार्यादेश में विधिवत किया भी गया है.
लेकिन लंबी अवधि बीत जाने के बावजूद लाभुकों द्वारा शौचालय का निर्माण नहीं करवाया गया. जो राशि के गबन का मामला बनता है. कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा इस बाबत 15 दिसंबर 2017 को एक आवेदन दिया गया था. जिसकी प्राथमिकी सदर थाना द्वारा 19 मार्च 2018 को दर्ज की गयी. कांड संख्या 154/18 में 22 लोगों के विरुद्ध मुकदमा दायर किया गया है. जिसमें नेपुर देवी, नारायण ठाकुर, सुरेश सादा, सुदामा देवी, सतनी, जकीर साफी, अलाउद्दीन, माया देवी, छेदनी देवी, लक्ष्मण मुखिया, कल्पना, रीना, पारो देवी, बबीता देवी, शंकर कामत, बीबी सैरून, मस्तरी खातून, सलिखा खातून, अरुण यादव, रामसुंदर कामत, पूनम देवी व मो कलाम शामिल हैं.
वहीं 23 फरवरी को नप के कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा दिये आवेदन के आलोक में 19 मार्च को एक प्राथमिकी कांड संख्या 156/18 दर्ज की गयी. जिसमें 19 लोगों को आरोपी बनाया गया है. वहीं 13 दिसंबर 2017 को कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा दर्ज शिकायत के आलोक में 19 मार्च को कांड संख्या 153/18 दर्ज किया गया. जिसमें 08 लोगों के नाम शामिल हैं. 20 फरवरी 2018 को नप पदाधिकारी द्वारा दर्ज शिकायत के आलोक में 19 मार्च को ही कांड संख्या 155/18 दर्ज की गयी. जिसमें 19 के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी है. इस प्रकार कुल 68 लोगों के विरुद्ध सदर थाना में प्राथमिकी दर्ज कर उनके विरुद्ध कार्रवाई प्रारंभ कर दी गयी है.
दर्ज प्राथमिकी में अधिकांश लाभुक ऐसे हैं, जिन्होंने वर्ष 2016 एवं 2017 में योजना की राशि का उठाव किया था. लेकिन शौचालय का निर्माण नहीं किया. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद ऐसे लाभुकों के उपर कानूनी कार्रवाई की तलवार लटक चुकी है. अब देखना है कि पुलिस द्वारा इस दिशा में कब तक ठोस कार्रवाई की जाती है.
शौचालय निर्माण की राशि का करें सदुपयोग : एसके मिश्रा
मामले को लेकर जब नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सुशील कुमार मिश्रा से जानकारी ली गयी तो उन्होंने मामले की पुष्टि की. बताया कि अन्य भी कई लाभुक हैं, जिन्होंने योजना की राशि लेकर समय-सीमा के अंदर शौचालय का निर्माण नहीं किया. ऐसे लोगों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जायेगी. कहा कि यह एक संवेदनशील मामला है. जिसके तहत राशि का दुरुपयोग किया गया है. श्री मिश्रा ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण की योजना आम नागरिकों के लिये काफी लाभप्रद है. इस राशि से वे अपने घरों में शौचालय का निर्माण कर सकते हैं. इससे न सिर्फ उन्हें सुविधा मिलेगी. बल्कि समाज व माहौल भी स्वच्छ रहेगा. लोगों को रोग से मुक्ति मिलेगी. साथ ही नगर परिषद क्षेत्र को शीघ्र ओडीएफ करने में मदद मिलेगी.