रिश्तेदारों व फर्जी लोगों के नाम आवास राशि की बंदरबांट
सुपौल : इंदिरा आवास योजना में सुनियोजित साजिश के तहत फर्जी तरीके से जालसाजी कर सरकारी राशि के दुरुपयोग व बंदरबांट करने का मामला सामने आया है. इस संबंध में जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के समक्ष शिकायत दर्ज करायी गयी है. शिकायतकर्ता बेलागोठ किसनपुर निवासी शंभु नाथ झा के आवेदन के मुताबिक वर्ष 2001-02 […]
सुपौल : इंदिरा आवास योजना में सुनियोजित साजिश के तहत फर्जी तरीके से जालसाजी कर सरकारी राशि के दुरुपयोग व बंदरबांट करने का मामला सामने आया है. इस संबंध में जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के समक्ष शिकायत दर्ज करायी गयी है.
शिकायतकर्ता बेलागोठ किसनपुर निवासी शंभु नाथ झा के आवेदन के मुताबिक वर्ष 2001-02 में किसनपुर प्रखंड अंतर्गत दुबियाही पंचायत में तत्कालीन बीडीओ व बिचौलिये की मिलीभगत से फर्जी नाम व पता से इंदिरा आवास की लाखों की राशि का अवैध रूप से उठाव कर गबन कर लिया गया. जिला कार्यालय से जब लाभुकों की सूची मांगी गयी तो बताया गया कि प्रखंड कार्यालय से उपलब्ध होगा. जबकि इंदिरा आवास की सूची की स्वीकृति जिला से ही दी जाती है.
दोबारा राशि का हुआ आवंटन: शिकायत में बताया गया है कि तत्कालीन बीडीओ द्वारा प्रकाशित सूची में शामिल क्रमांक 08 योजना संख्या 121 में झबरी देवी व क्रमांक 43 योजना संख्या 44 पर जगदेव मुखिया का नाम दर्ज कर इंदिरा आवास की राशि आवंटित की गयी. जबकि इन दोनों को पूर्व में ही इंदिरा आवास योजना का लाभ प्राप्त है.
फर्जी नामों पर हुआ आवंटन : आवेदन में बताया गया है कि प्रकाशित सूची में ऐसे कई नाम है, जिनका कहीं अता-पता नहीं है. वहीं सुची में कई ऐसे लाभुक भी हैं, जिनके द्वारा इंदिरा आवास का निर्माण नहीं किया गया. इससे स्पष्ट रूप से गबन का मामला प्रतीत होता है.
रिश्तेदारों के नाम से बंदरबांट: आवेदक ने बताया है कि प्रकाशित लाभुकों की सूची में नाम बदलने की साजिश भी की गयी है. वहीं कई नामों पर दो-दो बार स्वीकृति मिली है. बीडीओ द्वारा प्रकाशित सूची के मुताबिक गबन में शामिल बिचौलिया ने अपनी पत्नी के अलावा मां, बहनोई, चाचा, चचेरे भाई आदि के नाम से योजना का लाभ उठा लिया है. वहीं ऐसे लाभुकों के नाम से भी राशि का आवंटन किया गया, जिनकी मृत्यु सूची प्रकाशन से पूर्व ही हो चुकी है.